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राम सेवक पुरम में दक्षिण शैली के बने शिव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की तैयारी अंतिम चरण में

अयोध्‍या । (डॉ विशाखा श्रीवास्तव): राम मंदिर की कार्यशाला स्‍थल पर अब दक्षिण भारतीय शैली में देवस्थान बनने जा रहा है। यहां पर शिव मंदिर का निर्माण तमिलनाडु के एक साधक ने करवाया है जिसके लिए राम सेवक पुरम में विश्व हिंदू परिषद ने भूमि उपलब्ध कराई है।विहिप नेता व मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधन प्रभारी गोपाल राव ने यह जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि दक्षिण की शैली में यह खूबसूरत शिव मंदिर बनकर तैयार है। 5 अगस्‍त को सीएम योगी आदित्यनाथ इसमें शिवलिंग की स्थापना करेंगे। शिव मंदिर की व्‍यवस्‍था से जुड़े दक्षिण के सेल्वा कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस शिव मंदिर में दक्षिण के रामेश्‍वरम के रामानाथास्वमी के मंदिर में स्‍थापित शिवलिंग के प्रारूप शिवलिंग की स्थापना की तैयारी अंतिम स्‍तर पर चल रही है। प्राण प्रतिष्‍ठा के अनुष्‍ठान मंगलवार से ही शुरू हो गए हैं जो 5 सितंबर तक चलेंगे।

शिवलिंग की मंदिर मे प्राण प्रतिष्‍ठा में हिस्सा लेने वाले दक्षिण भारत के श्रद्धालुओ का आना जारी है जिनकी संख्या लगभग 3 हज़ार बताई जा रही है। कार्यक्रम की व्‍यवस्‍था से जुड़े दक्षिण के एक व्‍यक्ति ने बताया कि आयोजन समिति के वरिष्‍ठ पदाधिकारी मंगलवार को रात तक अयोध्‍या पहुंच रहे हैं। सायं से प्राण प्रतिष्‍ठान के अनुष्‍ठान के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे।यह पहला अवसर है जब अयोध्‍या मे दक्षिण से पत्‍थर का शिवलिंग बनवा कर लाया गया जिसकी प्राण प्रतिष्‍ठा राम सेवक पुरम के दक्षिण शैली के मंदिर मे होने जा रही है। उन्होंने बताया कि करीब ढाई तीन फुट के उंचे इस शिवलिंग का निर्माण रामेश्‍वरम के रामनाथस्वामी मंदिर मे स्‍थापित शिवलिंग की तरह ही करवाया गया है जिसकी अपनी अलग ही महत्‍ता है। उनका कहना था कि लोगों को काशी में बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन पूजन के बाद पूर्ण पुण्य रामेश्‍वरम के रामानाथा स्‍वामी के मंदिर में भोलेनाथ की पूजा करने के बाद ही मिलता है। इसी लिए श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद रामेश्‍वरम दर्शन के लिए जाते हैं। मंदिर की पूजा व्‍यवस्‍था से जुड़े सेल्वा कुमार ने बताया कि रामानाथा स्‍वामी के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना माता सीता के द्वारा की गई थी ।इस लिए इसकी महत्‍ता बहुत ज्यादा है । राम सेवक पुरम के मंदिर में स्‍थापित शिवलिंग भी उसी शिवलिंग का प्रारूप ही माना जा रहा है।

राम सेवक पुरम में दक्षिण के शिव मंदिर के सामने पूजा व अनुष्‍ठान मंदिर बन कर तैयार है । बिजली की सजावट के साथ ही मंडप अनुष्‍ठान के लिए कई कुंड भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अनुष्‍ठान पूजन 5 सितंबर तक चलेगा जिसे दक्षिण के आचार्य करवाएंगे। इस कार्यक्रम की सारी व्‍यवस्‍था दक्षिण की टीम से संभाल रखी है। कार्यक्रम में लोगों के बैठने के लिए बड़ा टेट का पंडाल बनाया गया है।पंडाल में करीब 8 हजार लोगों के बैठने की व्‍यवस्‍था की गई है।उन्‍होंने बताया कि शिवलिंग की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद यहां 48 दिनो की विशेष पूजा चलेगी ।

विहिप के जिस राम सेवक पुरम में इससे पहले राम मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने का काम चल रहा था वह अब श्रद्धालुओ व पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्‍थल बन चुका है। यहां प्रवेश करते ही दाये तरफ राम मंदिर को भेंट की गई विशाल आकार के धनुष बाण ,गदा व शिवलिंग , कर्नाटक, राजस्‍थान ,नेपाल आदि स्थानों से रामलला की प्रतिमा बनाने के लिए लाई गई शिलाओं आदि का संग्रह सजा कर रखा गया है । वहीं पीछे की तरफ के इलाके मे राम कथा कुंज का विशाल कक्ष है जिसमे रामकथा के प्रसंग की मूर्तियो से सीन क्रिएट किए गए हैं। इसमे मंदिर ट्रस्‍ट के अन्‍य प्रक्रम भी स्‍थापित किए गए है। राम कथा कुंज के बगल ही यह दक्षिण का शिव मंदिर भी आकर्षण का नया केंद्र बनेगा ।

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