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भारत निर्माण के लक्ष्य के साथ किसान, कारोबार और रोज़गार को प्राथमिकता

मोदी सरकार ने अपने ताज़ा बजट में विकास की रफ़्तार और बढ़ायी है। भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए अब तक का सबसे अधिक 11.1 लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। 30 लाख की आबादी से ज़्यादा वाले भारत के 14 शहरों के क्रिएटिव डेवलपमेंट की योजना है। साथ ही कारोबार और रोज़गार बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण उपाय किए गए हैं। शिक्षा और कौशल विकास पर 1.48 लाख करोड़ ख़र्च की योजना है जिससे 210 लाख युवाओं को लाभ होगा ।

एक अनूठी योजना के तहत भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसके तहत उन्हें 5 हज़ार रुपया प्रतिमाह भत्ता भी मिलेगा।कंपनियों को यह छूट दी गई है कि वे अपने सीएसआर फंड की 10 प्रतिशत राशि का उपयोग इसके लिए कर सकते हैं। इससे कम्पनियों को भी अपनी ज़रूरत के अनुरूप कुशल कामगार मिल सकेंगे। 20 लाख युवाओं को कौशल विकास की शिक्षा देने का लक्ष्य अलग से है। भारतीय संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को 10 लाख रुपयों के ऋण का प्रस्ताव है जिसके लिए सरकार ई वाउचर भी जारी करेगी। मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ा कर 20 लाख की गई है।प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप इससे घर-घर में एंटरप्रेन्योर बनाने में मदद मिलेगी।

खेती के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान है। मोदी सरकार ने सब्ज़ियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इसके क्लस्टर बनाने की योजना बनायी है। दलहन में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने की योजना है।

मिडिल क्लास की पूरी हुई आस

हर बजट में कर छूट की उम्मीद लगाए मध्यम वर्ग की आस को इस बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरा किया है। नए टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हज़ार से बढ़ाकर 75,000 किया गया है। साथ ही इसे और आकर्षक बनाने के लिए टैक्स स्लैब में भी पहले से अधिक छूट दी गई है। पुराने टैक्स रिजीम की दरों को यथावत रखा गया है। संयोग से अभी शादियों का सीज़न चल रहा है। ऐसे में मोदी सरकार ने सोने चाँदी पर आयात शुल्क में 50% से भी ज़्यादा कटौती की है। इसे 15 प्रतिशत से घटाकर 6% कर दिया है। फलस्वरूप सोने की क़ीमतों पर प्रति किलो छह लाख रुपये की कमी की संभावना है। इससे भी मध्यम वर्ग विशेषकर महिलाओं की चाँदी है। एक और छूट के तहत सोने चाँदी व प्रॉपर्टी समेत सभी संपत्तियों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 20% से घटा कर 12.5% किया गया है. साथ ही लॉन्ग टर्म की सीमा को भी 3 वर्ष से घटाकर दो वर्ष किया गया है। ज़मीनों के रिकॉर्ड को डिजिटाइजेशन करने की योजना है जिससे विवादों में कमी आएगी। महिलाओं व लड़कियों के लिए 3 लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान है। इससे भी सभी लाभान्वित होंगे।

शेयर कारोबार में निवेश को प्रोत्साहन और सट्टेबाज़ी पर लगाम लगाने के लिए कुछ करों को थोड़ा बढ़ाया गया है। विदेशी कंपनियों का टैक्स 40% घटाकर 35 प्रतिशत किया गया है जिससे अधिक विदेशी निवेशआने की उम्मीद है।

गरीबों के लिए जारी रहेंगे उपहार

मोदी सरकार ने मुफ़्त अनाज योजना को अगले पाँच वर्षों के लिए जारी रखने का निर्णय लिया है। इससे 80 करोड़ नागरिक लाभान्वित होंगे। शहरी ग़रीब आवास योजना के तहत 10 लाख करोड़ रुपये ख़र्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य है। इसमें एक करोड़ मकान शहरों में व दो करोड़ मकान ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जाएंगे। पीएम सूर्य घर योजना के तहत एक करोड़ परिवारों को 300 यूनिट बिजली मुफ़्त दी जाएगी।

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