राजेंद्र फैमिली हत्याकांड: ताऊ-ताई और तीन बच्चों की हत्या का मुख्य आरोपी विक्की भाई संग गिरफ्तार, एक लाख का इनाम था घोषित
वाराणसी। भदैनी में हुए राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और उसके छोटे भाई प्रशांत उर्फ जुगनू को 95 दिन की मशक्कत के बाद लौटूबीर मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि दोनों भाइयों ने अपने दादा, माता-पिता की हत्या और खुद की प्रताड़ना का बदला लेने के लिए इस नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया था।
95 दिनों की तलाश के बाद गिरफ्तारी
चार नवंबर की रात राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू, बड़े बेटे नवनेन्दु, छोटे बेटे शुभेंदु और बेटी गौरांगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में लंबे समय से फरार चल रहे मुख्य आरोपी विक्की और उसके भाई प्रशांत पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। गुरुवार दोपहर सवा एक बजे विशाल अपने भाई प्रशांत से पैसे लेने लौटूबीर मंदिर पहुंचा , तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। प्रशांत की गिरफ्तारी हत्या की साजिश में शामिल होने और मुख्य आरोपी विशाल की मदद करने के आरोप में हुई।
फर्जी ईमेल और इंस्टाग्राम से पुलिस को देते रहे चकमा
विशाल और प्रशांत आईटी विशेषज्ञ हैं और पुलिस से बचने के लिए फर्जी ईमेल और इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे। पुलिस ने ‘डिजिटल फुटप्रिंट’ के जरिए उनकी लोकेशन ट्रेस की और उन्हें पकड़ लिया।
पुलिस आयुक्त ने टीम को इनाम दिया
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को एक लाख रुपये का इनाम और प्रशस्तिपत्र दिया। उन्होंने बताया कि विशाल और प्रशांत ने गुनाह कबूल कर लिया है और स्वीकार किया कि उन्होंने दादा लक्ष्मी नारायण, माता-पिता और खुद की प्रताड़ना का बदला लेने के लिए यह हत्याकांड किया।
दो साल से रच रहे थे खौफनाक साजिश
दोनों भाई पिछले दो साल से परिवार को खत्म करने की साजिश रच रहे थे। 2022 में विशाल ने बिहार से 80 हजार रुपये में दो पिस्टल, दो मैगजीन, 20 गोलियां, एक डोंगल और छह सिम कार्ड खरीदे थे। चार नवंबर की रात विशाल ने पहले ताऊ राजेंद्र गुप्ता को रामपुर-लठिया स्थित निर्माणाधीन मकान में गोलियों से भून दिया , फिर भदैनी में ताई नीतू को मारने के बाद दूसरी मंजिल पर दोनों तहेरे भाइयों और तीसरी मंजिल पर बहन के सीने में गोली उतार दी।
हत्या के बाद विशाल ने पीडीडीयू जंक्शन (चंदौली) से पटना, फिर कोलकाता और मुंबई तक भागते हुए फरारी काटी। इस दौरान उसने अधिकतर समय रेलवे स्टेशनों पर बिताया। अब दोनों भाइयों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस हत्याकांड से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है।