महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के मानविकी विभाग में ‘संगम’ कार्यक्रम का आयोजन
बरेली , 04 दिसम्बर। महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के मानविकी विभाग द्वारा विगत दिवस
“संगम: एक साथ मिलन का उत्सव” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य विभाग के नए विद्यार्थियों का स्वागत, विभागीय उपलब्धियों का उत्सव और पूर्व छात्रों से मार्गदर्शन प्राप्त करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 8:00 बजे रंगोली और फूल सजावट से हुई, जिसमें छात्रों और अध्यापकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसके बाद पौधारोपण का कार्यक्रम 9:00 बजे आयोजित हुआ, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश देता है। इस कार्यक्रम में सभी भाषाओं के छात्रों ने अलग-अलग पौधा लगाया और गमलों को सजाकर अपना नाम लिखते हुए उनकी देखभाल का दायित्व लिया।
कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन 10:00 बजे मानविकी विभाग की अध्यक्ष और बहुभाषिक अध्ययन केंद्र की समन्वयक, डॉ. अनीता त्यागी द्वारा किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने बहुभाषा के महत्व को उजागर करते हुए आज के परिवेश में बहुभाषी होने की आवश्यकता को समझाया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने नए छात्रों का स्वागत करते हुए कहा, “मानविकी विभाग हमेशा से संस्कृति, भाषा और रचनात्मकता का केंद्र रहा है। हम चाहते हैं कि हमारे पूर्व छात्र अपने अनुभव और मार्गदर्शन से नए विद्यार्थियों को प्रेरित करें और उनके भविष्य को सशक्त बनाने में मदद करें।” उन्होंने पूर्व छात्रों को विभाग के विकास में अपना सहयोग देने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के निदेशक प्रो० एस० एस० बेदी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “भाषाओं का ज्ञान आपको वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थान प्रदान करता है। मानविकी विभाग इस दिशा में अद्वितीय कार्य कर रहा है।”
वहीं, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय की डीन, डॉ. शोभना ने अपने उद्बोधन में कहा, “आज का युग बहुभाषिकता और तकनीकी कौशल का है। मानविकी विभाग का यह प्रयास छात्रों के व्यक्तित्व विकास में एक नई ऊर्जा प्रदान करेगा।”
कार्यक्रम में विभिन्न भाषाओं के शिक्षकों ने भी अपनी-अपनी भाषाओं के महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
मंदारिन भाषा की शिक्षिका मिस चिया ली चेन ने अपने संबोधन में कहा, “मंदारिन भाषा सीखने से छात्रों को विश्व की सबसे ज़्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक सीखने को मिलेगी जिस से वैश्विक व्यापार और एशियाई बाजारों में अवसरों का लाभ मिलेगा।”
जर्मन भाषा के शिक्षक डॉ. रजनीश गुप्ता ने कहा, “जर्मन भाषा वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक और तकनीकी शोध में अग्रणी है। इसे सीखकर छात्र अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
बनारस से आये फ्रेंच भाषा के शिक्षक डॉ० पीयूष चौबे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “फ्रेंच भाषा सीखने से न केवल छात्रों को वैश्विक नौकरियों में मदद मिलेगी, बल्कि यह एक समृद्ध संस्कृति को समझने का माध्यम भी है।”
हिंदी भाषा के शिक्षक श्री कृष्ण केतन ने हिंदी की भूमिका पर बल देते हुए कहा, “हिंदी हमारी संस्कृति की वाहक है और इसे सशक्त बनाने के लिए हमें इसे वैश्विक मंच पर स्थापित करना होगा।”
उद्घाटन के बाद 11:00 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, जिनमें छात्रों ने नृत्य, गायन और नाट्य प्रस्तुतियां दीं। ये प्रस्तुतियां कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहीं। दोपहर 1:00 बजे सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की गई।
इसके पश्चात, दोपहर 2:00 बजे से खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिसमें छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन 4:00 बजे हुआ। विभाग की अध्यक्ष डॉ. अनीता त्यागी ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विभागीय परिवार को और अधिक मजबूत बनाते हैं। मंच का संचालन बी. टेक तृतीय वर्ष के वंश पाल और प्रथम वर्ष की मानसी यादव ने किया ।
इस अवसर पर पूर्व छात्र, शिक्षकगण, कर्मचारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और ‘संगम’ कार्यक्रम ने और उत्साह को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभाई।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट