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संभल हिंसा मामले के अब तक 65 आरोपियों की जमानत याचिका हुई खारिज, जानिए क्या है वजह?

उत्तर प्रदेश के संभल जिले की एक अदालत ने पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा के 17 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही अब तक 65 आरोपियों की याचिका खारिज हो चुकी है। एक शासकीय अधिवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी।

गुरुवार को खारिज हुईं थी 18 जमानत याचिका
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) हरि ओम प्रकाश सैनी ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्भय नारायण राय ने शुक्रवार को संभल हिंसा मामले में 17 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके पहले गुरुवार को ऐसी 18 जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं।

26 नवंबर को हुई हिंसा में 4 की गई थी जान
हरि ओम प्रकाश सैनी ने बताया कि इस मामले में अब तक 65 जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं, शेष याचिकाओं पर अन्य तारीखों पर सुनवाई होनी है। सैनी ने कहा, ‘हमने माननीय न्यायालय के समक्ष दलीलें पेश कीं कि 24 नवंबर की घटना में चार निर्दोष लोगों की जान गई है। इन आरोपियों ने पुलिसकर्मियों की हत्या करने की नीयत से ऐसे साधनों का इस्तेमाल किया, जिसमें पथराव भी शामिल था, गोलीबारी भी की गई।’

जमानत के लिए दायर हुईं 87 याचिकाएं
सैनी ने कहा, “पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली है। उनके पास से गोलियां और अन्य सामान भी बरामद किया गया है। ये सभी दलीलें मैंने अदालत में पेश कीं, जिसके आधार पर कल और परसों की सभी जमानत याचिकाएं माननीय अदालत ने खारिज कर दीं।’ उन्होंने बताया कि इस मामले में जमानत के लिए 87 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें से अब तक 65 याचिकाएं अदालत ने खारिज कर दी हैं और बाकी अन्य सुनवाई के लिए लंबित हैं।

स्थानीय लोगों की सुरक्षाकर्मियों संग हुई झड़प
पिछले साल 19 नवंबर से संभल में तनाव व्याप्त था, जब अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। ऐसा दावा किया गया था कि उस स्थान पर पहले एक हरिहर मंदिर था। दूसरे सर्वेक्षण के दौरान 24 नवंबर को विरोध कर रहे स्थानीय लोगों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प हो गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।