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हमेशा के लिए किसानों की समस्या के सौहार्दपूर्ण हल के वास्ते जल्द समिति गठित करेंगे: उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह किसानों की शिकायतों का ‘‘हमेशा के लिए’’ सौहार्दपूर्ण समाधान करने के वास्ते जल्द ही एक बहुसदस्यीय समिति का गठन करेगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सितंबर की तारीख मुकर्रर की, साथ ही पंजाब एवं हरियाणा की सरकारों से किसानों के संभावित मुद्दों की जानकारी समिति को देने को कहा।

पंजाब सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि 12 अगस्त के आदेश का पालन करते हुए उसने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक की जिसमें वे अवरुद्ध राजमार्ग को आंशिक रूप से खोलने पर सहमत हो गए। पीठ ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों से कहा कि वे प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करते रहें और उन्हें राजमार्ग से अपने ट्रैक्टर और ट्रॉलियां हटाने के लिए राजी करें।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 12 अगस्त को पंजाब सरकार से कहा था कि वह 13 फरवरी से शंभू बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को सड़क से ट्रैक्टर और ट्रॉलियां हटाने के लिए राजी करे। अदालत ने कहा था कि ‘‘राजमार्ग पार्किंग स्थल नहीं हैं।’’ उच्चतम न्यायालय उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उसे अंबाला के पास शंभू बार्डर पर लगाए गए अवरोधकों को एक सप्ताह के भीतर हटाने के लिए कहा गया था। इस स्थान पर प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं।

 

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