तेलंगाना सरकार ने पेश किया तीन लाख करोड़ से ज्यादा का बजट
हैदराबाद । तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 3.04 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया।
कांग्रेस सरकार का दूसरा पूर्ण बजट पेश करते हुए विक्रमार्क ने राजस्व व्यय 2.26 लाख करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 36,504 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया। उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मैं कुल 3,04,965 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित कर रहा हूं, जिसमें राजस्व व्यय 2,26,982 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 36,504 करोड़ रुपये होगा।”
पिछले साल जुलाई में वित्त मंत्री ने 2024-25 के लिए 2.91 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।
मौजूदा कीमतों पर तेलंगाना के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 2024-25 के दौरान 10.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जबकि राष्ट्रीय विकास दर 9.9 प्रतिशत है। तेलंगाना का जीएसडीपी 16,12,579 करोड़ रुपये है।
वित्त वर्ष 2024-25 में तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय 3,79,751 रुपये थी, जो 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
उन्होंने कहा, “इसकी तुलना में देश की प्रति व्यक्ति आय 2,05,579 रुपये है, जिसमें 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर है। स्पष्ट रूप से, तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय (राष्ट्रीय औसत से) 80 प्रतिशत यानी 1,74,172 रुपये अधिक है। यह राज्य की मजबूत आर्थिक प्रगति को दर्शाता है।”
वित्त वर्ष 2024-25 में, सेवा क्षेत्र ने तेलंगाना के सकल राज्य मूल्य वर्धित (जीएसवीए) में 66.3 प्रतिशत, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों ने 17.3 प्रतिशत और औद्योगिक क्षेत्र ने 16.4 प्रतिशत का योगदान दिया।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार की पहल जैसे कि मुफ्त बिजली, रायथु भरोसा, कृषि ऋण माफी और सिंचाई परियोजनाओं में निवेश ने किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाया है और कृषि क्षेत्र को मजबूत किया है। साथ ही, कृषि क्षेत्र को और बढ़ाने के लिए, सरकार सक्रिय रूप से बागवानी, पशुपालन और जलीय कृषि को बढ़ावा दे रही है, जिससे किसानों के लिए विविध और सतत विकास सुनिश्चित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना में औद्योगिक क्षेत्र 22.5 प्रतिशत कार्यबल को रोजगार प्रदान करता है। “चाइना प्लस 1” (चीन पर निर्भरता घटाने की) रणनीति को अपनाकर, सरकार का लक्ष्य तेलंगाना को फार्मास्यूटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना है।
विक्रमार्क ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही तेलंगाना सहित दक्षिणी राज्यों के लिए कर हस्तांतरण के घटते हिस्से पर चिंता व्यक्त की है। 14वें वित्त आयोग के तहत, तेलंगाना को 2.437 प्रतिशत धन प्राप्त हुआ, जो 15वें वित्त आयोग के तहत घटकर 2.102 प्रतिशत रह गया।
उन्होंने बताया, “हमारी सरकार ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों को कम धनराशि आवंटित करना अनुचित है और अधिक तर्कसंगत कर वितरण प्रणाली की वकालत की, जो राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करती है।”
राज्य सरकार ने क्षैतिज कर हस्तांतरण में सुधार का प्रस्ताव दिया है, जो वर्तमान “प्रति व्यक्ति आय अंतर” मानदंड से हटकर है। इसकी बजाय, यह राष्ट्रीय आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने वाले राज्यों के लिए संसाधनों का अधिक न्यायसंगत आवंटन सुनिश्चित करने के लिए जीएसडीपी को 50 प्रतिशत भारांश देने की सिफारिश करता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में तेलंगाना ने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन अब यह विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। ‘तेलंगाना राइजिंग 2050 विजन’ के साथ सरकार स्थायी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को आकार दे रही है।
उन्होंने कहा, “अगले दशक के लिए हमारा रणनीतिक रोडमैप मौजूदा 200 अरब डॉलर की राज्य अर्थव्यवस्था को पांच गुना बढ़ाकर एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की कल्पना करता है।”