एम्स रायबरेली के जनरल सर्जरी विभाग ने विशाल आकार के गूर्दे के फोड़े का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न किया।
अत्याधुनिक शल्य चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के अपने प्रयासों में एम्स रायबरेली ने एक और मील का पत्थर पार किया है। संस्थान के जनरल सर्जरी विभाग ने 36×21 सेमी आकार के एक विशाल गुर्दे के फोड़े (ट्यूमर) को निकालने के लिए एक जटिल ओपन नेफरेक्टोमी सर्जरी को सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह ट्यूमर आकार में काफी बड़ा हो चुका था और प्रमुख रक्त वाहिकाओं और महत्वपूर्ण अंगों के निकट होने के कारण सर्जरी को करने में काफी चुनौतियां थी।
ट्यूमर के विशाल आकार और जटिल शारीरिक रचना के कारण ओपन सर्जरी की आवश्यकता थी। इस प्रक्रिया में भारी रक्तस्राव, अंग की चोट और ऑपरेशन के बाद की जटिलताओं सहित उच्च जोखिम शामिल थे। इन बाधाओं के बावजूद, समर्पित सर्जिकल टीम ने एक सफल परिणाम सुनिश्चित किया। रोगी को छुट्टी दे दी गई है और वह अच्छी तरह से ठीक हो रहा है।
उच्च जोखिम वाले इस ओपन नेफरेक्टोमी सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में जनरल सर्जरी विभाग से डॉ. नीरज श्रीवास्तव एएमएस और यूनिट हेड के मार्गदर्शन में डॉ. अमृतांशु सौरभ (सहायक प्रोफेसर) के साथ वरिष्ठ रेजिडेंट डॉ. निखिल और जूनियर रेजिडेंट डॉ. स्नेहिता, डॉ. सोमतीर्थ और डॉ. विष्णु सिद्धार्थ शामिल थे। एनेस्थीसिया देखभाल डॉ. विनय पाठक (सहायक प्रोफेसर), डॉ. अरुण पांडे (एसआर), डॉ. सौरव (जेआर) और डॉ. देवीकृपा द्वारा प्रदान की गई। नर्सिंग अधिकारी रानू, निताशा और पल्लबी ने ओटी सहायक संध्या के साथ प्रक्रिया की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. दीपक राजपूत, डॉ. अमित गुप्ता, डॉ. प्रणभ कुशवाहा, डॉ. शिरीष कुमार, डॉ. रौनक मेहरोत्रा और सभी रेजीडेंट डॉक्टरों सहित जनरल सर्जरी के पूरे विभाग ने विस्तृत प्री-ऑपरेटिव प्लानिंग और सतर्क पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे रोगी के लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम सुनिश्चित हुआ। एम्स रायबरेली की अधिशासी निदेशक मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता एवं डीन अकादमिक प्रो. नीरज कुमारी के निर्देशन में संस्थान अपने चिकित्सकीय अभ्यासों को और बेहतर कर रहा है।