जुलाई-सितंबर जीडीपी में हो सकता है संशोधन, वित्त वर्ष 2025 में 6.5-7% की वृद्धि संभव : सीईए नागेश्वरन
नई दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंथा नागेश्वरन ने गुरुवार को बताया कि अक्टूबर-नवंबर के दौरान कुछ क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है और चालू वित्त वर्ष में 6.5-7 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी तिमाही के 5.4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि अनुमान को आगे चलकर संशोधित किया जा सकता है, क्योंकि वर्तमान अनुमान मौसमी रूप से समायोजित नहीं हैं।
नागेश्वरन ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इन आंकड़ों पर प्रतिक्रिया करते हुए हमें बच्चे को नहलाने के साथ ही बाहर फेंक देना चाहिए। क्योंकि अंतर्निहित विकास की कहानी अभी भी काफी हद तक बरकरार है।” भारत की आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर सात तिमाहियों के निम्नतम स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गयी, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में यह 6.7 प्रतिशत थी।
नागेश्वरन ने कहा कि दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि में मंदी का कारण सितंबर में कुछ “धार्मिक अनुष्ठान” और अत्यधिक मानसूनी वर्षा हो सकती है, तथा यह अन्य दीर्घकालिक मुद्दों के कारण भी हो सकता है, जो उभरने लगे हैं।
नागेश्वरन ने कहा, “इसे संशोधित करके बढ़ाया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.5-7 प्रतिशत का अनुमान लगाया है। “पूरे वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने में सक्षम होने के लिए, हमें अगली दो तिमाहियों में 7 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि की आवश्यकता है, जिनमें से तीसरी तिमाही के दो महीने पहले ही समाप्त हो चुके हैं। हम तीसरे महीने में हैं।
नागेश्वरन ने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, “मुझे लगता है कि यदि आप विशिष्ट क्षेत्रों में हुई कुछ प्रगति को देखें तो यह संभव है। इसलिए मेरा मानना है कि इस वर्ष 6.5-7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना संभव है।” वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत बढ़ेगी।