इस बार यूपी के 67 लाख से ज्यादा लोगों के खाते में एक-एक हजार भेजेगी योगी सरकार, नया टार्गेट तय
लखनऊ: यूपी की योगी सरकार इस बार 56 की जगह 67 लाख से ज्यादा गरीब बुजुर्गों के खाते में एक-एक हजार रुपये महीने की राशि भेजने की तैयारी में जुटी है। सरकार ने इसके लिए टार्गेट तय किया है। सरकार का लक्ष्य 67.50 लाख गरीब बुजुर्गों के खाते में पेंशन की राशि पहुंचाना है। इससे पहले बीते वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में योगी सरकार ने अपने लक्ष्य के अनुरूप 56 लाख गरीब बुजुर्गों के खाते में 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन की राशि देकर उनकी आर्थिक सहायता कर चुकी है।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सरकार ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वर्ष 2025-26 में वृद्धावस्था पेंशन योजना में पेंशनरों का लक्ष्य 61 लाख निर्धारित किया था। इसे पहले ही वित्तीय वर्ष में प्राप्त कर आगे का नया लक्ष्य तय किया है। इस महत्वपूर्ण फैसले से सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

इसके साथ ही सिंगल नोडल एकाउंट प्रणाली ने पेंशन की प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया है। जहां पेंशन बिना किसी मध्यस्थ के सीधे आधार-लिंक्ड खातों में जाता है। इससे सरकारी धन का सदुपयोग सुनिश्चित होता है और लाभार्थी बिना देरी के लाभ पाते हैं। एसएनए प्रणाली का इस्तेमाल न केवल वितरण को तेज करता है, बल्कि ऑडिट और ट्रैकिंग को आसान बनाता है। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता है और हर पैसे का हिसाब रखा जाता है।

वृद्धावस्था पेंशन योजना योगी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का प्रमुख हिस्सा है, जो बुजुर्गों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के आर्थिक रूप से कमजोर वृद्धजनों को प्रतिमाह एक हजार रुपये की पेंशन प्रदान की जाती है, जिससे उनके जीवन के अंतिम वर्षों में वित्तीय परेशानियां कम होती हैं। योगी सरकार ने इस योजना को शुरू से ही प्राथमिकता दी है। 2017 में जब योजना का विस्तार शुरू हुआ, तब लाभार्थियों की संख्या 37.47 लाख थी, जो आज 67.50 लाख के लक्ष्य तक पहुंच गई है। यह वृद्धि सरकार की सक्रियता का नतीजा है, जहां विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर पात्र बुजुर्गों को चिह्नित किया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यदि तय लक्ष्य से अधिक पात्र मिलते हैं तो उन्हें भी योजना में शामिल किया जाता है।
इस योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2018-19 में 40 लाख 71 हजार 580 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला। जिसमें 187913.10 लाख रुपये की धनराशि खर्च की गई। 2019-20 में यह संख्या बढ़कर 47 लाख 99 हजार 480 हो गई और 269774.45 लाख रुपये का व्यय हुआ। 2020-21 में 51 लाख 24 हजार 155 लाभार्थियों को 369449.13 लाख रुपये की पेंशन मिली।
2021-22 में 51 लाख 92 हजार 779 वृद्धजनों को 427790.56 लाख रुपये की पेंशन दी गई। 2022-23 में यह संख्या 54 लाख 97 हजार 237 तक पहुंच गई और इस पर कुल 608374.50 लाख रुपये खर्च हुए। 2023-24 में 55,68,590 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला है और इस पर कुल 646434.06 लाख रुपये की धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं वर्ष 2024-25 में 55,99,997 लाख लाभार्थियों को पेंशन का लाभ मिला।
