आज एकादशी श्राद्ध का पवित्र दिन, इस शुभ मुहुर्त में करें अपने पितरों के लिए शांति अनुष्ठान
Ekadashi Shradh 2024: पितृ पक्ष का दौर चल रहा है जो शारदीय नवरात्रि से पहले के 16 दिनों तक जारी रहता है। इस दौरान वंशज अपने पितरों की आत्मा की शांति और उन्हें प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान करते है। इस दिन पितरों की पसंद का खाना बनाकर उन्हे भोग लगाया जाता है। इसमें आज एकादशी श्राद्ध का मनाया जा रहा है इस दिन को सबसे पवित्र दिन के रूप में जाना जाता है।
जानिए क्या है एकादशी श्राद्ध का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान एकादशी श्राद्ध का महत्व होता है जिसे ग्यारस एकादशी के रूप में जाना जाता है। कहते हैं इस दिन वंशज अपने पूर्वजों की पूजा और तर्पण के नियम करते है उन्हें दिवंगत लोगों की आत्मा को शांति मिलती है। इतना ही नहीं जीवन में उनका निरंतर अस्तित्व सुरक्षित रहता है। इसे लेकर यह भी कहा जाता है कि, एकादशी श्राद्ध जीवित और मृत लोगों के बीच एक कड़ी की तरह होता है।
जानिए क्या एकादशी श्राद्ध का शुभ मुहूर्त
एकादशी श्राद्ध की पूजा विधि-विधान से करने के लिए शुभ मुहूर्त की आवश्यकता होती है जो मुहूर्त इस प्रकार है..
कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक
रौहिण मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 36 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक
अपराह्न काल – दोपहर 1 बजकर 24 मिनट से 3 बजकर 48 मिनट तक ।
कैसे करें एकादशी श्राद्ध की पूजा
यहां पर एकादशी श्राद्ध की पूजा करने के लिए इस विधि को अपनाना चाहिए।
1- सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
2- इसके बाद भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और मंदिर-घर की साफ-सफाई कर लीजिए।
3-फिर ब्राम्हण को आमंत्रित करें औऱ पितृ तर्पण का नियम अपनाएं।
4-इसके साथ ही भोजन, कपड़े और दक्षिणा दें।
5- इस शुभ दिन पर गाय, कौवे, कुत्ते और चींटियों को भोजन खिलाएं।
6- इस दिन भोजन के साथ ही काले तिल, दूध औऱ चावल का दान करना फलदायी होता है।
7- एकादशी श्राद्ध के दिन पिंडदान करना पुण्य फलदायी माना जाता है।
आगामी श्राद्ध की तिथियां जानें
अब किस शुभ तिथि पर श्राद्ध किया जाएगा इसकी तिथियां जानना जरूरी है।
29 सितंबर 2024- मघा श्राद्ध, द्वादशी श्राद्ध
30 सितंबर 2024-त्रयोदशी श्राद्ध
1 अक्टूबर 2024-चतुर्दशी श्राद्ध
2 अक्टूबर 2024- सर्वपित्रू अमावस्या
इन तिथियों के आधार पर आप पितृ पक्ष में श्राद्ध के नियम कर सकते है।