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मौनी अमावस्या पर मातम में बदला आस्था का महाकुंभ, भगदड़ में 15 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत

महाकुंभ नगर: जहां एक तरफ महाकुंभ 2025 में बीते 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक लोग गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं तथा आज मौनी अमावस्या पर और 10 करोड़ लोगों के गंगा स्नान करने की संभावना थी। वहीं महाकुंभ मेले में मची भगदड़ और भारी भीड़ की वजह से आज यानी 29 जनवरी को अखाड़ों का अमृत स्नान रद्द हो गया है।जानकारी दें कि, आज महाकुंभ के संगम नोज पर अचानक भगदड़ की खबर मिली है। जिसमें कई लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि घायलों को कुंभ क्षेत्र के सेक्टर 2 में बने अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार स्वरूपरानी अस्पताल में मौजूद कुछ मिडीया रिपोर्ट के अनुसार अब तक 15 से ज्यादा लोगों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए हैं। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। कहा जा रहा है कि अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। हादसे के बाद 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हालांकि ‘नवभारत’ इस रिपोर्ट की पुष्टी नही करता है।

इधर इस जानलेवा भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा- संगम नोज पर अधिक भीड़ के कारण यह फैसला किया गया है। पुरी का कहना है कि संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ होने की वजह से अखाड़े ने अपना अमृत स्नान टाल दिया है, भीड़ कम होने की स्थिति पर अखाड़े के साधु सन्यासी अमृत स्नान के लिए निकलेंगे, फिलहाल अमृत स्नान रद्द कर दिया गया है।

जानकारी दें कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने मौनी अमावस्या के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने के मद्देनजर यहां एक हजार से अधिक चिकित्साकर्मियों को तैनात किया है। जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेले के हर सेक्टर में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। वहीं इसमें कहा गया कि, महाकुंभ नगर में 300 विशेषज्ञ डॉक्टर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तैनात किए गए हैं। ये किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

वहीं मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र के चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के उपाय किए गए हैं और एआई से युक्त सीसीटीवी कैमरे तथा ड्रोन से लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए पहले ही नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, प्रयागराज जिला प्रशासन ने भी स्थानीय लोगों से चार पहिया वाहनों के उपयोग से बचने तथा वरिष्ठ नागरिकों को संगम पर ले जाने के लिए केवल दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करने की भी अपील की है।

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