हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद आईआईएम लखनऊ से शिक्षकों को दिला रही ट्रेनिंग
चंडीगढ़, 6 फरवरी : हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने शिक्षकों के कौशल को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आईआईएम लखनऊ के साथ साझेदारी में परिषद ने कैरियर मार्गदर्शन और परामर्श पर विषय विशेषज्ञों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम की रूपरेखा हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के आयुक्त और सचिव पंकज अग्रवाल आईएएस के मार्गदर्शन में तैयार की गई है। जिसका संचालन हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक आईएएस जितेन्द्र कुमार द्वारा किया जा रहा है। इसके सफल संचालन की जिम्मेदारी संयुक्त राजय परियोजना निदेशक एचसीएस डॉ. मयंक वर्मा, सलाहकार संजय कुमार और परियोजना समन्वयक सोनाली वोहरा को सौंपी गई है। आईआईएम लखनऊ में 03 से 07 फरवरी तक आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम में हरियाणा के विभिन्न जिलों से 18 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। प्रशिक्षण सत्रों का नेतृत्व आईआईएम के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संकाय, आईएएस अधिकारियों सहित एनसीईआरटी नई दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन देने और शिक्षा प्रणाली में प्रभावी रूप से योगदान देने के लिए उन्नत कौशल से लैस करना है।
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शिक्षकों के नेतृत्व और प्रबंधन कौशल को बढ़ाया जाएगा
प्रशिक्षण के जरिए स्कूल प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों के नेतृत्व और प्रबंधन कौशल को बढ़ाया जाएगा। छात्रों को प्रभावी कैरियर मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करने के लिए शिक्षकों को कौशल प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षित शिक्षक राज्य में कार्यक्रम को लागू करने के लिए प्रमुख संसाधन व्यक्ति (केआरपी) के रूप में कार्य करेंगे। स्कूलों के लिए एक खुशी पाठ्यक्रम विकसित करने की योजना बना रहा है। जिसमें आईआईएम लखनऊ कार्यक्रम से सीख शामिल है। यह पहल शिक्षा क्षेत्र में हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। शिक्षकों को उन्नत कौशल से सशक्त बनाकर, सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक छात्रों को उनके शैक्षणिक और कैरियर की खोज में मार्गदर्शन और सहायता करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हों। परियोजना समन्वयक सोनाली वोहरा बताती हैं कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अभी प्रदेशभर से 18 शिक्षकों को शामिल किया गया है। जिन्हें मास्टर ट्रेनर के तौर पर तैयार किया जा रहा है। अब ये मास्टर ट्रेनर अपने-अपने जिले के शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर ट्रेंड करेंगे। फिर वे शिक्षक बच्चों को करियर काउंसलिंग के प्रति जागरूक करेंगे और बताएंगे कि वे किस तरह अपने कौशल के जरिए अपनी राह चुन सकते हैं।