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विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग का राष्ट्रीय स्तर पर आई ए टी ई में जलवा

बरेली,26 फरवरी। भारत में शिक्षक प्रशिक्षकों का सबसे बड़ा और पुराना पेशेवर संगठन “इंडियन एसोसिएशन ऑफ टीचर एजुकेटर्स (आईएटीई)” है। आज की तारीख में देश की अग्रणी व प्रतिष्ठित पेशेवर संस्था आईएटीई का गठन 25 नवंबर, 1950 को एम एस यूनिवर्सिटी बड़ौदा में जाने-माने शिक्षा-शास्त्रियों जैसे स्वर्गीय प्रोफेसर टी के एन मेनन, स्वर्गीय प्रोफेसर हंसा बेन मेहता, और स्वर्गीय प्रोफेसर एस एन मुखर्जी द्वारा किया गया था। इस समय इस संस्था में पूरे देश से लगभग 5500 से अधिक आजीवन सदस्य हैं। आईएटीई की 57वीं वार्षिक संगोष्ठी का आयोजन 20 से 22 फरवरी के मध्य गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग द्वारा किया गया। इसमें पूरे देश से 350 से अधिक शिक्षक प्रशिक्षकों की सहभागिता रही। हर दो वर्ष में आईएटीई के विभिन्न सांगठनिक पदों हेतु चुनाव होते हैं। इस बार के चुनाव में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षकों व विद्यार्थियों का ऐतिहासिक जलवा देखा गया। आईएटीई के इतिहास में पहली बार एक ही संस्था से तीन शिक्षकों को विभिन्न पदों पर चुना गया। प्रोफेसर बी आर कुकरेती को सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, प्रोफेसर यशपाल सिंह को वाइस प्रेसिडेंट तथा प्रोफेसर एन एन पांडे को आईएटीई का कोषाध्यक्ष चुना गया। इसके अतिरिक्त इसी विभाग के पूर्व छात्र प्रोफेसर कौशल किशोर, जो वर्तमान में जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष हैं, को आईएटीई का महासचिव चुना गया है। इसी विभाग के पूर्व छात्र प्रोफेसर सुनील कुमार, जो सीतापुर के एएनडी कॉलेज में कार्यरत हैं, को उत्तरी क्षेत्र का सचिव चुना गया है। विभाग के ही पूर्व छात्र प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी, जो वर्धमान कॉलेज बिजनौर में कार्यरत हैं, को कार्यकारिणी का सदस्य चुना गया है। इन नियुक्तियों से विभाग में प्रसन्नता व गर्व का माहौल है। आज इन तीनों शिक्षकों का विभाग में संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सुमित्रा कुकरेती, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संतोष अरोड़ा, वरिष्ठ प्रोफेसर प्रोफेसर अंजू अग्रवाल, डॉक्टर तरुण राष्ट्रीय, डॉ. रामबाबू सिंह, डॉ. कीर्ति प्रजापति, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. विमल कुमार, डॉ. रश्मि रंजन सिंह सहित सभी शिक्षकों द्वारा माल्यार्पण करके सम्मान किया गया व इन्हें शुभकामनाएं दी गईं।ध्यान रहे कि इन चुनावों में चुनाव अधिकारी का दायित्व भी प्रोफेसर यशपाल सिंह द्वारा सफलतापूर्वक निभाया गया। इस संगोष्ठी में प्रोफेसर बी आर कुकरेती ने महासचिव के तौर पर विभिन्न गतिविधियों में सहभागिता की, प्रोफेसर एन एन पांडे भी पहले से ही कोषाध्यक्ष का दायित्व निभा रहे हैं और वह एक पैनल डिस्कशन में प्रतिभागी के तौर पर भी शामिल रहे, प्रोफेसर यशपाल सिंह ने समावेशी शिक्षा पर आयोजित एक अन्य पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता भी की।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट