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Weather Update: यूपी में बारिश से अगले दो दिन राहत, बाढ़ ने बढ़ाई चिंता

लखनऊ: पहाड़ों पर हुई भारी वर्षा ने नदियों को उफना दिया है। एक ओर मानसून की ट्रफ लाइन के खिसकने से कई हिस्सों में बारिश थम गई है। दूसरी ओर पहाड़ों पर हुई जोरदार बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना नदी उफान पर है। इससे उत्तर प्रदेश के कई जिलों, खासकर वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट, फतेहपुर और कानपुर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लखनऊ में अमौसी स्थित मौसम मुख्यालय के अनुसार, मानसून की ट्रफ लाइन दक्षिण भारत की ओर खिसक गई है, जिससे अगले 48 घंटों में यूपी के कुछ जिलों में केवल हल्की बूंदाबांदी या बौछारें पड़ने की संभावना है। फिलहाल, किसी भी तरह की भारी बारिश का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

पहाड़ों पर लगातार हुई बारिश के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिसका सबसे ज्यादा असर चित्रकूट में देखने को मिल रहा है। यहां यमुना के उफनाने से सहायक नदियां और नाले भी भर गए हैं, जिससे तिरहार का इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है और कई रास्ते बंद हो गए हैं। सरधुवा गांव के पास अर्की, अतरौली, देवरी और नैनी सहित एक दर्जन से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया है। राजापुर-कमासिन मुख्य मार्ग पर भी आवागमन प्रभावित हुआ है और लोगों को नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। फतेहपुर में यमुना की बाढ़ से हजारों बीघे फसल बर्बाद हो गई है, जिसके चलते निचले इलाकों के गांवों से पलायन शुरू हो गया है।

फर्रुखाबाद में गंगा नदी का कटान भी जारी है। बुधवार को धर्मपुर कटरी के पंखियन मड़ैया गांव में छह घर गंगा में समा गए, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। इससे पहले भी इस गांव के 19 घर नदी की जद में आ चुके हैं। वहीं, कानपुर देहात में यमुना का जलस्तर थोड़ा कम हुआ है, लेकिन अभी भी कई रास्तों पर पानी भरा हुआ है, जिससे लोगों को नावों से आवागमन करना पड़ रहा है।

इसके विपरीत, गोरखपुर मंडल में राप्ती, सरयू और रोहिन नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। सरयू नदी अयोध्या और तुर्तीपार में खतरे के निशान से नीचे बह रही है। राप्ती और रोहिन नदियों में भी पानी कम हुआ है।