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पश्चिम बंगाल भर्ती विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने बेदाग शिक्षकों को दी अंतरिम राहत, 31 दिसंबर तक नई भर्ती पूरी करने का निर्देश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया कि सीबीआई जांच में बेदाग पाए गए शिक्षकों को नई भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक पद पर बने रहने की अनुमति दी जाए। यह फैसला उन शिक्षकों के हित में लिया गया है जिनकी सेवाएं कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद रद्द कर दी गई थीं।
राज्य सरकार की दलील पर कोर्ट ने दी राहत
प्रधान न्यायाधीश संजय खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने राज्य सरकार की उस दलील को स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी से स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और नई भर्ती प्रक्रिया में समय लगेगा। इसी आधार पर कोर्ट ने सीबीआई द्वारा बेदाग पाए गए बर्खास्त शिक्षकों को अस्थायी रूप से बहाल करने की अनुमति दी।
ग्रेड ‘C’ और ‘D’ कर्मचारियों को नहीं मिली राहत
हालांकि, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह राहत केवल शिक्षकों को दी गई है। राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रेड ‘C’ और ‘D’ के कर्मचारियों की सेवाएं बहाल नहीं की जाएंगी।
भर्ती प्रक्रिया की समय सीमा तय, 31 मई से पहले हो शुरुआत
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) को निर्देश दिया कि 31 मई 2024 तक नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए और इसे 31 दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाए।
साथ ही, कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की जानकारी के साथ एक अनुपालन हलफनामा भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जाए।
पृष्ठभूमि: 25,753 नियुक्तियों को बताया गया था अवैध

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 3 अप्रैल 2024 को आदेश जारी करते हुए पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और गैरशिक्षकीय कर्मचारियों की नियुक्तियों को “दोषपूर्ण” ठहराया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट के नियुक्ति रद्द करने के फैसले को बरकरार रखते हुए चयन प्रक्रिया को अवैध करार दिया था।