आईवीआरआई में ग्रामीण युवाओं की आजीविका सुरक्षा वृद्धि हेतु कार्यशाला का आयोजन
बरेली, 20 जुलाई। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान (आईवीआरआई )में चल रही अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत प्रसार शिक्षा विभाग में संचलित परियोजना “अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत पशुधन आधारित मॉड्यूल के माध्यम से ग्रामीण युवाओं की आजीविका सुरक्षा बढ़ाना” के तहत संस्थान के निदेशक डॉ त्रिवेणी दत्त के मार्गदर्शन में एक दिवसीय कार्यशाला एवं आजीविका वृद्धि के लिए खेती एवं पशुपालन से सम्बंधित विषय पर विचार विमर्श किया गया ।
कार्यक्रम में डॉ हंस राम मीना, विभागाध्यक्ष एवं डॉ महेश चंद्र, प्रधान वैज्ञानिक, प्रसार शिक्षा विभाग ने कृषकों एवं युवा ग्रामीणों हेतु संस्थान के प्रसार सम्बन्धी विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया तथा इन कार्यक्रमों में कृषकों को सहभागिता बढ़ाने पर एवं संस्थान द्वारा प्रदत्त सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने हेतु कृषकों को अनुरोध किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान की संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा, डॉ. रूपसी तिवारी द्वारा की गई जिसमें उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत कृषकों एवं ग्रामीण युवाओं के सशक्तिकरण के लिए अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । इस अवसर पर कृषकों को द्वारा खेती एवं पशुपालन में वैज्ञानिक पद्धतियों को शामिल कर उसके विभिन्न फायदों पर सविस्तार प्रकाश डाला तथा जोर देकर कहा कि जो तकनीकी विचार-विमर्श यहाँ किया गया है इसे स्वयं अपनाएं तथा आस-पडोस के किसानों के साथ चर्चा करें ताकि सभी को लाभ मिल सके ।
इस कार्यक्रम में डॉ त्रिवेणी दत्त, निदेशक, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज़तनगर के मार्गदर्शन में खेती एवं पशु पालन में दिन-प्रतिदिन के क्रि-कलापों में काम आने वाले विभिन्न छोटे उपकरणों एवं पशुओं के लिए मिनलर मिक्चर का वितरण किया गया ।
इस कार्यशाला के दौरान बरेली जनपद के सात गावों (हमीरपुर, भगवानपुर, भवनपुर न्यायतुल्ला, बहरोली, पनुआ, मोहम्मदपुर ठकुरान एवं भैरपुरा के 150 महिला एवं पुरुष कृषकों के प्रतिभाग किया । इस कार्यक्रम के आयोजन का संचलन डॉ. आर.एस. सुमन ने किया तथा कार्य्क्रम में डॉ. श्रुति का सराहनीय योगदान रहा । बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट