शी चिनफिंग का संकल्प: पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारेंगे, अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ अंत तक लड़ाई जारी रहेगी
बीजिंग। अमेरिका द्वारा चीनी निर्यात पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को पड़ोसी देशों के साथ रणनीतिक संबंध मजबूत करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि चीन आपसी मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाकर व्यापारिक रिश्तों को बेहतर बनाएगा और अमेरिका द्वारा थोपे गए अनुचित शुल्कों के खिलाफ अंत तक लड़ेगा।
104% टैरिफ के बाद पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया
शी चिनफिंग ने यह बयान बीजिंग में मंगलवार से बुधवार तक आयोजित एक केंद्रीय सम्मेलन के दौरान दिया, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ चीन के संबंधों पर चर्चा की गई। यह उनकी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया थी, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन से होने वाले निर्यात पर कुल 104 प्रतिशत शुल्क लागू किए जाने के बाद सामने आई। इसमें अतिरिक्त 50% शुल्क बुधवार से प्रभावी हुआ।
अमेरिका की चुनौती के बीच बढ़ रही क्षेत्रीय कूटनीति
ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति के चलते अमेरिका-चीन संबंधों में तनाव चरम पर है। इस स्थिति से निपटने के लिए चीन अपने पड़ोसी देशों—जैसे भारत, जापान और दक्षिण कोरिया—के साथ रिश्ते बेहतर करने की दिशा में सक्रिय हो गया है। रणनीतिक और व्यापारिक मोर्चों पर मजबूती लाने की इस कोशिश को शी चिनफिंग की क्षेत्रीय नीति का हिस्सा माना जा रहा है।
भारत के साथ रिश्तों में सुधार के संकेत
भारत के साथ चार साल से अधिक समय तक चले सैन्य तनाव के बाद, पिछले अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात के बाद संबंधों में सुधार के संकेत मिले हैं। इसके बाद दोनों देशों के बीच कई उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं, जिनका उद्देश्य संबंधों को सामान्य करना और विश्वास बहाली करना रहा है।
अंतिम लड़ाई तक तैयार चीन
शी चिनफिंग ने स्पष्ट किया कि अगर अमेरिका टैरिफ की मौजूदा नीति को जारी रखता है, तो चीन उसके खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि चीन वैश्विक व्यापार व्यवस्था में न्याय की मांग करता है और किसी भी तरह के भेदभाव के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा।
सरकारी मीडिया के अनुसार, चीन अब बहुपक्षीय कूटनीति और क्षेत्रीय सहयोग को प्राथमिकता देगा ताकि अमेरिका की नीतियों के नकारात्मक प्रभाव को संतुलित किया जा सके।