‘चीन में आपका दोस्त…’, शशि थरूर ने UN में आतंकी समूह को बचाने के लिए पाकिस्तान और बीजिंग दोनों को लताड़ा
नई दिल्ली: आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत से सर्वदलीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल की 7 टीमें विश्वभर में गई हुईं हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकवादी समूहों के संदर्भों को रोकने में पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए चीन की आलोचना की।
आतंक के मुद्दे पर चीन की आलोचना की
संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा समर्थित ‘प्रतिरोधक मोर्चे’ को बचाने में बीजिंग की भूमिका की आलोचना करते हुए थरूर ने कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति को समय-समय पर आरएफ के बारे में रिपोर्ट करते रहे हैं। जब भारत ने सुरक्षा परिषद में अपने मित्रों को सुरक्षा परिषद द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में प्रतिरोध मोर्चे का उल्लेख करने के लिए प्रोत्साहित किया, तब भी हमने इस बारे में रिपोर्ट की।’

पाकिस्तान ने अपने दोस्त के समर्थन में नाम हटाया
थरूर ने इस्लामाबाद और बीजिंग पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने चीन में अपने दोस्त के समर्थन से नाम हटा लिया, इसलिए इसका कोई संदर्भ भी नहीं है। हम सुरक्षा परिषद में नहीं हैं और न ही आप हैं। हमें उस स्थिति को बदलना होगा। हम दोनों को परिषद में एक साथ होना चाहिए।’
भारत के सामने आने वाली चुनोतियों पर दिया जोर
शशि थरूर ने यह टिप्पणी ब्राजील के राजदूत सेल्सो अमोरिम के साथ चर्चा के दौरान की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के भीतर भू-राजनीतिक गठबंधनों के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर जोर दिया।
IMF बेलआउट पैकेज पर पाक को लताड़ा
वहीं, इसके साथ ही कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया से पाकिस्तान को आईएमएफ बेलआउट पैकेज पर भी लताड़ लगाई है। थरूर ने कहा कि हम किसी भी देश के विकास से ईर्ष्या नहीं करते हैं, अगर यह पैसा वास्तव में लोगों को गरीबी से बाहर निकालने या विकास के मुद्दों से निपटने में मदद करने के लिए खर्च किया जाता है। हम क्यों आपत्ति करेंगे?
हम भलाई में विश्ववास रखने वाले लोग
थरूर ने आगे कहा कि हम मानवीय हैं। हम किसी भी देश में सबसे गरीब व्यक्ति की सभी तरह की भलाई में विश्वास करते हैं। लेकिन अगर वह पैसा पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने, हम पर हमला करने के लिए खुद को हथियारबंद करने आदि में और अधिक संसाधनों को लगाने में सक्षम बनाता है, तो यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
थरूर ने IMF के पैसे के प्रयोग पर उठाए सवाल
शशि थरूर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि विश्व बैंक और आईएमएफ, दोनों ही ऐसे निकाय हैं जिन पर भारत का कुछ प्रभाव है। मुझे उम्मीद है कि वे दोनों हमारे राजनयिकों द्वारा बताए जाएंगे कि यह सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण सुरक्षा उपाय होना बेहद जरूरी है कि यह पैसा केवल उसी तरह खर्च किया जाए जिस तरह से इसे खर्च किया जाना चाहिए।