असम में ‘आतंकी मदरसे’ का भंडाफोड़, इस्लाम की आड़ में पढ़ाया जाता था नफरत का पाठ
गुवाहाटी: असम पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। असम पुलिस ने मोरीगाँव में सक्रिय एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। रिपोर्ट के अनुसार, मोरीगांव स्थित एक मदरसे में जिहादी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। यह आतंकी मॉड्यूल एक मदरसे से ऑपरेट हो रहा था और कथित तौर पर राज्य में बड़े हमले की साजिश रच रहा था। असम पुलिस को खुफिया एजेंसी से इसका इनपुट मिला था। जिसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए संदिग्ध जिहादी को अरेस्ट किया। इसकी पहचान मुफ्ती मुस्तफा के रूप में की गई है।
मोरीगाँव पुलिस ने बुधवार (27 जुलाई 2022) रात मोइराबारी में मदरसा और अन्य आवासों पर सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद उसे अरेस्ट कर लिया था। मदरसे को भी असम पुलिस ने सील कर दिया है। मुफ्ती मुस्तफा को ही आतंकी मॉड्यूल का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। वह मोइराबारी में 2018 से जामी-उल-हुदा मदरसा चलाता है। पुलिस ने मुफ्ती मुस्तफा के कब्जे से मोबाइल फोन, बैंक पासबुक और अन्य सामग्री के साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं। यही नहीं पुलिस ने पूछताछ के मदरसे के 8 मौलवियों को भी हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि इस मदरसे के लिए बांग्लादेश से अंसरुल्ला फंडिंग कर रहा था। इसके अलावा भी मदरसे को कई अन्य देशों से पैसे मिल रहे थे।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि मुस्तफा को किस कारण अरेस्ट किया गया है, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय लोगों में से एक ने बताया है कि, ‘मोरीगाँव पुलिस, सेना और अन्य अधिकारियों ने कल रात मुस्तफा के घर और मदरसे में कम से कम दो घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया। मुस्तफा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हमें नहीं पता कि उसे क्यों अरेस्ट किया गया।’ फिलहाल पुलिस, मामले में आगे की जाँच कर रही है। इस बीच, इस मामले पर बोलते हुए, असम के DGP भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि, ‘आतंकवादी संगठन धीरे-धीरे असम को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वे बांग्लादेश के रास्ते राज्य में दाखिल हो रहे हैं। वे राज्य के मुस्लिम युवाओं को ‘हदीस’ की शिक्षा देकर भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।’