मनोरंजन

“इस नाटक की सबसे ख़ास बात यह है की अंत तक यह तय नहीं किया जा सकता कि कौन सही है और कौन गलत” : मुग्धा गोडबोले

मुंबई: एक ऐसे परिदृश्य की कल्पना कीजिये जहां दो अजनबी एक ट्रेन में मिलते हैं और बातचीत शुरू करते हैं. धीरे धीरे उनके बीच एक ख़ास रहस्य की परतें खुलने लगती हैं और ऐसा ज्ञात होता है की कोई तार है जो उन्हें एक दुसरे से जोड़ता है. यही कहानी है ज़ी थिएटर के टेलीप्ले ‘प्लैन्ड मर्डर बाय मिस्टेक’ की जिसमें अभिनेत्री मुग्धा गोडबोले रानाडे एक ख़ास किरदार निभा रही हैं। नाटक तब शुरू होता है जब शर्मीला, जो एक लेखिका और आपराधिक मनोवैज्ञानिक हैं, एक ट्रेन यात्रा के दौरान अचानक एक प्रशंसक से मिलती हैं और दोनों चर्चा करने लगते हैं उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘द परफेक्ट रिवेंज’ के बारे में. धीरे धीरे ऐसा लगने लगता है की वो अजनबी अपने भीतर कोई राज़ छुपाये हुए है और शर्मीला को पहले से जानता है .

मुग्धा कहती हैं, “इस नाटक की सबसे ख़ास बात यह है की अंत तक यह तय नहीं किया जा सकता कि कौन सही है और कौन गलत। कहानी में एक ऐसा मोड़ है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। मुझे नहीं लगता कि दर्शकों ने कभी भी इस तरह का सस्पेंस थ्रिलर देखा है। आमतौर पर, एक सस्पेंस ड्रामा में बहुत सारे पात्र होते हैं लेकिन यहां, रेल के डिब्बे में केवल दो लोग एक-दूसरे के आमने-सामने बैठे हैं और नाटक केवल 45 मिनट के अंतराल में ख़त्म हो जाता है। मुझे लगता है कि यह नाटक सभी को अवश्य देखा जाना चाहिए क्योंकि ये मनोरंजन से भरपूर है ।

अपनी भूमिका के बारे में मुग्धा कहती हैं, “जब मैंने पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मुझे लगा कि मेरे किरदार का ग्राफ बहुत ही सरल और सीधा है, लेकिन जब हमने वास्तव में रिहर्सल करना शुरू किया, तो मुझे एहसास हुआ, इसमें बहुत जटिलता थी। कहानी की खासियत ये है की वो लंबे समय तक दर्शकों के साथ रहेगी ।”

विजय केंकरे द्वारा निर्देशित इस नाटक में शशांक केतकर, माधव देवचके, वर्षा रानी पटेल, सुशील स्वामी इत्यादि हैं।

‘प्लान्ड मर्डर बाई मिस्टेक’ 6 दिसंबर को डिश, डी2एच रंगमंच और एयरटेल पर प्रसारित होगा।

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