पुरानी पेंशन योजना को लेकर मोदी सरकार ने उठाया यह बड़ा कदम, राज्यों में भी लागू होगा नियम
नई दिल्ली. केंद्रीय कर्मचारी और राज्य सरकार के अधीन काम करने वालों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग तेजी से चल रही है. कुछ राज्य सरकारों ने केंद्र की चेतावनी के बावजूद पुरानी पेंशन को कर्मचारियों के लिए लागू भी कर दिया है. इतना ही नहीं कुछ राज्यों में चुनाव को नजदीक देख विरोधी पार्टियों ने सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन को लागू करने का ऐलान कर दिया है. हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से बार-बार नियमों का हवाला देकर इसे लागू करने से मना किया जा रहा है. पिछले दिनों खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर संसद में बयान दिया था.
अब पुरानी पेंशन की बढ़ती मांग के बीच केंद्र और कुछ राज्य सरकारें ओल्ड पेंशन स्कीम और नेशल पेंशन स्कीम के बीच रास्ता निकालने की कोशिश में कर रही हैं. सूत्रों का दावा है केंद्र सरकार यह कोशिश कर रही है कि ओपीएस और एनपीएस के बीच का रास्ता निकाला जाए. सूत्रों के अनुसार सरकार की तरफ से पहले विकल्प के तौर पर यह विचार किया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस के तहत प्राप्त अंतिम वेतन के लगभग 50% पर गारंटीशुदा पेंशन की पेशकश की जाए.
यह नियम लागू होता है तो इससे सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ डाले बिना मौजूदा एनपीएस में बदलाव किया जा सकता है. जबकि पुरानी पेंशन पहले से तय लाभ के आधार पर दी जाती है. एनपीएस कर्मचारी की तरफ से मिलने वाले कॉन्ट्रीब्यूशन के बेस पर कर्मचारी को दी जाती है.
फिलहाल चल रही न्यू पेंशन स्कीम एक रिटायरमेंट योजना है. इसमें लाभार्थी रिटायरमेंट के बाद इंवेस्ट की गई राशि का 60% निकाल सकेंगे. यह पैसा किसी भी तरह से टैक्स फ्री होता है. बाकी बची 40% राशि को मासिक पेंशन के तौर पर हासिल करने के लिए वार्षिकी में निवेश करने की जरूरत है. यानी सेवानिवृत्ति के बाद 60% एकमुश्त राशि और मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए 40% निवेश किया जाना है. इस योजना को सरकार की तरफ से साल 2004 में पेश किया गया था.
अधिकारियों को उम्मीद है कि एनपीएस में इस तरह बदलाव हो सकता है कि रिटायरमेंट के बाद किसी भी कर्मचारी को एकमुश्त राशि के रूप में 41.7% राशि मिल जाए और बाकी 58.3% राशि वार्षिकीकरण के आधार पर मिले. एक विश्लेषण से यह भी पता चला है कि यदि केंद्र / राज्य सरकार के योगदान (14%) से निर्मित 58.3% कोष का वार्षिकीकरण किया जाता है तो एनपीएस में पेंशन अंतिम आहरित वेतन का लगभग 50% हो सकती है.