Top Newsदेशराज्य

बेहोश होने से ठीक पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर ने ऐसा क्या बोला जो होश उड़ा रहा

भुवनेश्वर: ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच के लिए सीबीआई जांच के आदेश हुए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को दुर्घटना में साजिश का अंदेशा है। कोरोमंडल ट्रेन हादसे को लेकर सबसे बड़ी धुरी ट्रेन के ड्राइवर्स पर टिकी है। रेल मंत्रालय ने लोको पायलट्स को क्लीन चिट दे दी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ट्रेन हादसे के बाद ट्रेन का ड्राइवर बेहोश हो गया था। हालांकि बेहोश होने से पहले उसने कुछ ऐसा कहा जिससे घटना पर उसे क्लीनचिट दी जा रही है। रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन बिजनेस ऐंड डिवलपमेंट मेंबर जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि ट्रेन हादसे की खबर आने के बाद 15 मिनट बाद ही उन्होंने कोरोमंडल एक्सप्रेस के पायलट से बात की। तब पायलट होश में था। ट्रेन ड्राइवर ने तब अधिकारी को बताया कि मुझे सीधे जाने का ग्रीन सिग्नल मिला और ट्रेन उस दिशा में ले गया, इतना कहकर लोको पायलट बेहोश हो गया। हालांकि अभी उसकी हालत गंभीर है, वह आईसीयू में है। वहीं ट्रेन ड्राइवर्स के परिवार सदमे और डर में हैं।

दूसरी ओर, जिस मालगाड़ी के ऊपर कोरोमंडल ट्रेन का इंजन चढ़ा, उसका गॉर्ड बच गया। जया वर्मा के मुताबिक, मालगाड़ी में जांच की जिम्मेदारी उसके गार्ड की होती है। जब हादसा हुआ तो मालगाड़ी का गार्ड उतरकर जांच कर रहा था। इस वजह से वह बच गया। तीसरी ट्रेन जो हादसे का शिकार हुई, वह यशवंतपुर एक्सप्रेस थी। उस ट्रेन का टीटी पीछे की दो बोगियों से पहले की बोगी में था। इस ट्रेन के पीछे के 2 डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए हैं।

शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के दो ट्रेन चालकों के भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोनों की हालत स्थिर बताई गई। 36 वर्षीय हजारी बेहरा खुर्दा के रहने वाले हैं और वरिष्ठ सहायक लोको पायलट हैं। जबकि 48 वर्षीय लोको पायलट गुणनिधि मोहंती कटक के रहने वाले हैं। बालासोर जिले के बहनागा बाजार में शुक्रवार को हुए भीषण हादसे में दोनों को चोटें आईं।

ड्राइवर ने कहा कि उसे ग्रीन सिग्नल मिला था। ग्रीन सिग्नल का मतलब है कि ड्राइवर को इसी ओर जाना है क्योंकि आगे का रास्ता साफ है। ड्राइवर अपनी अनुमत अधिकतम गति के साथ आगे बढ़ सकता है। इस खंड पर अनुमत गति 130 किमी प्रति घंटा थी और कोरोमंडल ट्रेन 128 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही थी। यह जानकारी लोको लॉग से निकाली गई।

बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच शुक्रवार शाम करीब 7 बजे कोलकाता से दक्षिण में 250 किलोमीटर और भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर उत्तर में बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास दुर्घटना हुई। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन 126 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी। दोनों ट्रेनों में, ओवर-स्पीडिंग का कोई सवाल ही नहीं था।

ड्राइवरों के परिवार ने गुहार लगाई है कि उनकी निजता का सम्मान किया जाए। उन्होंने कहा कि दुखद ट्रेन दुर्घटना के लिए ड्राइवर्स को दोषी ठहराया जा रहा है। सुरक्षा कारणों से, लोको पायलट और उसके सहायक दोनों का आइसोलेशन में इलाज किया जा रहा है और अस्पताल के अधिकारियों ने उनके ठिकाने का खुलासा करने से परहेज किया है। सूत्रों ने कहा कि फिलहाल वे जिन अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, सुरक्षा कारणों से इसका खुलासा नहीं किया जाएगा। गनीमत रही कि मालगाड़ी के चालक और शालीमार एक्सप्रेस के लोको पायलट सुरक्षित हैं।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------