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मात्र फल ही नहीं है यह, पत्ते भी दूर कर देते हैं पीलिया की समस्या, ऐसे करें प्रयोग

लखनऊ: विभिन प्रकार के फल अलग अलग रोगों के उपचार में भी काम आते हैं। ऐसा ही एक फल अनार का भी है। यह खाने में न सिर्फ मीठा होता है बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी यह बेहद उपयोगी होता है। इसका वैज्ञानिक नाम पुनिका ग्रेनटम है। यह स्वादिष्ट फल अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। इसके पौधे के पत्ते छोटे तथा चिकने होते हैं। जिनमें बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इसके पौधे के प्रत्येक अंग को औषधीय उपयोग के लिए काम में लिया जा सकता है। इसके लाल दाने वाले फल के पत्तों का उपयोग पीलिया, दस्त, पेट दर्द तथा अनिद्रा के उपचार में किया जा सकता है।

कान दर्द में लाभदायक
अनार के पत्ते कान के दर्द में बेहद लाभप्रद होते हैं। यदि किसी के कान में दरस की समस्या है अनार के पत्तो को पानी से धो लें तथा उनको पीस लें। अब इस पेस्ट में आप तिल या सरसों का तेल मिला लें। जिसके बाद में आपकी ओषधि तैयार हो जाती है। अब आप इस ओषधि की कुछ बूंदे कान के दर्द वाले व्यक्ति के कण में डाल दें। इससे उसको तुरंत लाभ हो जाता है।

दस्त की समस्या में लाभप्रद
जो लोग दस्त की समस्या से प्रभावित हैं। उनके लिए अनार के पत्ते ओषधि का काम करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अनार के पत्तों का सेवन कर दस्त की समस्या से छुटकारा पा लेते हैं। यदि किसी को दस्त की शिकायत है तो वह अनार के जूस के साथ में अनार के पत्तों का जूस बनाकर पी सकता है। यह पेचिस, दस्त तथा आंतों की समस्या को दूर करने में लाभप्रद होता है। आयुर्वेद चिकित्सक डॉ अनुराग अहिरवाल कहते हैं कि अनार के बीज ही नहीं बल्कि इसका पूरा का पूरा पौधा ही गुणों की खान होता है। इसका सेवन करने से कान का दर्द, मुंह के छाले, पीलिया तथा दस्त आदि रोग दूर हो जाते हैं।

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