उत्तर प्रदेश

आईवीआरआई में सिंथेटिक पेप्टाइड जीव विज्ञान पर कौशल विकास कार्यक्रम ‘ज्ञान शाला’ का उद्घाटन 

बरेली , 22 सितंबर ।  भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज़्ज़तनगर के पशु चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की पेप्टाइड और पेप्टिडोमिमेटिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला में सिंथेटिक पेप्टाइड जीव विज्ञान विषय पर दस दिवसीय ‘ज्ञान शाला’ कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। इस अवसर पर दोनों ज्ञान शाला कार्यशाला की पाठ्यक्रम सामग्री का फ़्लायर भी जारी किया।
इस उद्घाटन कार्यक्रम में आईवीआरआई के निदेशक एवं कुलपति डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि युवाओं का कौशल विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और इस उद्देश्य के लिए कौशल विकास और उद्यमिता का एक अलग मंत्रालय स्थापित किया गया है। उन्होंने देश में कौशल विकास कार्यक्रम के तहत की जा रही विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और सभी प्रभागों के प्रमुखों से अपने संकाय सदस्यों को छात्रों के लाभ के लिए ऐसे कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करने के लिए प्रेरित करने का भी आग्रह किया। उन्होने  पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. समीर श्रीवास्तव और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. सोनल और डॉ. सबापति को बधाई दी तथा  मास्टर्स और डॉक्टरेट छात्रों के कौशल विकास के लिए इस नई पहल को शुरू करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जो प्रयोगशालाएँ इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर रही हैं उन्हें कौशल विकास केंद्र के रूप में नामित किया जा सकता है और हमें कौशल विकास के लिए और अधिक उत्कृष्टता केंद्र बनाने के लिए काम करना चाहिए।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक (कैडराड), डॉ. केपी सिंह, संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डॉ. एसके मेंदीरत्ता और संयुक्त निदेशक (शोध) डॉ. एसके सिंह ने युवा छात्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में सक्रिय भाग लेने के लिए प्रेरित किया और छात्रों के लाभ के लिए ऐसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने के लिए टीम को बधाई दी।
पाठ्यक्रम निदेशक प्रधान वैज्ञानिक डॉ. समीर श्रीवास्तव ने कौशल विकास कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रमों के आयोजन के लक्ष्य और उद्देश्यों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला आईवीआरआई डीम्ड विश्वविद्यालय के परास्नातक और डॉक्टरेट छात्रों के तकनीकी कौशल को निखारने के लिए आयोजित की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि इस कौशल विकास कार्यक्रम को ज्ञान शाला नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम में छात्रों के लाभ के लिए कौशल विकास कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी, ताकि वे अपने शोध कार्य में उपयोग की जाने वाली विभिन्न आधुनिक तकनीकों को सीख सकें। इस श्रृंखला में, पहली कार्यशाला सिंथेटिक पेप्टाइड जीव विज्ञान पर है जो 21 से 30 सितंबर, 2023 तक आयोजित की गई है। इस ज्ञान शाला में विभिन्न विषयों के 16 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।
इस कार्यशाला में छात्रों को सिंथेटिक पेप्टाइड्स के संश्लेषण, लक्षण वर्णन और अनुप्रयोग के लिए उपयोग की जाने वाली बुनियादी तकनीकों के बारे में ज्ञान प्रदान किया जाएगा। इस कौशल विकास पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण करने के लिए छात्रों को कम से कम 15 संपर्क घंटे अनिवार्य रूप से उपस्थित होने होंगे। इसी श्रृंखला में अक्टूबर माह में ‘अच्छी प्रयोगशाला पद्धतियों’ के क्षेत्र में दूसरी कार्यशाला का आयोजन प्रस्तावित है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सोनल ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डॉ सबापति ने दिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया।                          बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट
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