उत्तर प्रदेश

एसआरएमएस कॉलेज आफ नर्सिंग में लैम्प लाइटिंग एंड ओथ सेरेमनी का आयोजन

बरेली ,24 दिसम्बर। श्रीराममूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ नर्सिंग में कल लैम्प लाइटिंग एंड ओथ सेरेमनी हुई। जीएनएम के 18वें बैच और बीएससी नर्सिंग के सातवें बैच के विद्यार्थियों ने लेडी विद द लैंप नाम से विख्यात फ्लोरेंस नाइटिंगेल से प्रेरणा लेते हुए मानवसेवा की शपथ ली। एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी और ट्रस्ट सचिव आदित्य मूर्ति जी ने विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और उन्हें नर्सिंग में सफल होने के टिप्स के साथ मानवसेवा के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट की ओर से इसमें बीएससी नर्सिंग के तीसरे वर्ष (2019) के छह मेधावियों को स्कालरशिप भी प्रदान की गई। साथ ही क्विज और पोस्टर मेकिंग कम्पटीशन में विजेता विद्यार्थियों को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। ओथ सेरेमनी के बाद नए बैच की फ्रेशर पार्टी हुई। जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा को प्रस्तुत किया।
एसआरएमएस कालेज आफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलाजी एंड रिसर्च स्थित आडिटोरियम में लैम्प लाइटिंग एंड ओथ सेरेमनी का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन से हुआ। देवमूर्ति जी ने कहा कि नर्सिंग ही ऐसा प्रोफेशन है जहां 18 वर्ष की नर्स बुजुर्ग मरीज के लिए मां बन जाती है। बच्चे की तरह वह मरीज को दवाइयां खिलाने से लेकर उसका पूरा ध्यान रखती है। दिन भर में डाक्टर अपने मरीज से मुश्किल से 20-25 मिनट मिल पाता है, लेकिन बाकी समय नर्स उसके साथ होती है। नर्स की सेवा से ही मरीज बीमारी से लड़कर स्वस्थ होता है। डाक्टर सिर्फ इलाज बताते हैं उनकी पूर्ति नर्स ही करती है और मरीज के स्वस्थ होने में 70 फीसद योगदान नर्स का ही होता है।
एसआरएमएस ट्रस्ट के सचिव आदित्य मूर्ति जी ने ओथ सेरेमनी में शामिल सभी विद्यार्थियों और उनके परिजनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इंसानियत की सेवा के इस प्रोफेशन को चुनना महान फैसला है। आप भाग्यशाली हैं कि ईश्वर ने आपको इस प्रोफेशन के जरिये समाजसेवा के लिए चुना है। उन्होंने अभिभावकों को भी भरोसा दिलाया कि आपके बच्चों का भविष्य एसआरएमएस में एकदम सुरक्षित है। एसआरएमएस ट्रस्ट के शैक्षिक संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां पढ़ाई के नाम पर सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता है बल्कि पहले दिन से ट्रेनिंग शुरू हो जाती है। उन्होंने इस पेशे में सफलता के लिए ट्रेनिंग के साथ इंसानियत, सेवाभाव को भी बेहद जरूरी बताया। कहा कि किसी भी नर्स को सिम्पैथी, एम्पैथी और स्किल काबिल बनाती हैं। उसका सतर्क और जागरूक रहना मरीजों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मरीज को रोगमुक्त करने में डाक्टर का इलाज जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है नर्स की ओर से मिलने वाली सिम्पैथी। आज ली हुई शपथ को जीवन में हमेशा याद रखें और श्रेष्ठ ट्रेनिंग के साथ मानवसेवा के इस पेशे में अपना नाम रोशन करें।
इससे पहले एसआरएमएस कालेज ऑफ नर्सिंग के आफीशिएटिंग प्रिंसिपल प्रोफेसर अनीस चंद्रन ने सभी का स्वागत किया और संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी दी। मेट्रन जॉय विलसन ने नर्सिंग के विद्यार्थियों को इस पेशे में अपनाने के लिए आशीर्वाद दिया। असिस्टेंट प्रोफेसर ज्योति शर्मा ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाई और अरिस्टेंट प्रोफेसर निम्मी आर्य ने नर्सिंग प्रोफेशन के महत्व और स्कोप की जानकारी दी। असिस्टेंट प्रोफेसर हर्षिता हरबोला ने सभी अतिथियों का आभार जताया और धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन हरनीत कौर और अनुभव सहाय ने किया। इस मौके पर ट्रस्ट एडवाइजर इंजीनियर सुभाष मेहरा, मेडिकल कालेज के प्राचार्य एयरमार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. आरपी सिंह, सीईटी के डीन एकेडेमिक्स डा. प्रभाकर गुप्ता, सीईटीआर के प्रिंसिपल डा.एलएस मौर्य, पैरामेडिकल कालेज की प्रिंसिपल डा.जसप्रीत कौर, ट्रेनिंग प्लेसमेंट एंड डेवलपमेंट सेल के निदेशक डा. अनुज कुमार, लॉ कालेज के निदेशक डा.नसीम अख्तर, फार्मेसी की निदेशक डा.आरती गुप्ता और समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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