छुट्टी खत्म, लौटना है शहर तो ट्रेन में मिल गया RAC टिकट, जानते हैं क्या होता है यह?
भारतीय रेल के ट्रेन में कंफर्म और वेटिंग टिकट के साथ ही एक और टिकट जारी किया जाता है। यह है आरएसी टिकट। इस टिकट का मतलब है कि आपको पूरी नहीं बल्कि आधी बर्थ मिलेगी। आइए, जानते हैं कि इस टिकट का क्या मतलब है? इसमें बैठने की क्या व्यवस्था होती है।
कई बार रेल में यात्रा करने वाले लोगों को आरएससी टिकट के साथ यात्रा करना पड़ती है। यह भी एक तरह की टिकट है, लेकिन, इस टिकट के लिए अलग से नियम हैं। इन टिकटों में बर्थ शेयरिंग करना पड़ता है। यह बर्थ होता है साइड लोअर का, जिसमें दो पैसेंजर की बुकिंग एक ही सीट पर होती है। बहुत से लोग आरएससी के बारे में जानते हैं, लेकिन इसकी फुलफॉर्म और आरएससी टिकट धारकों को मिलने वाले अधिकारों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आरएसी को लेकर क्या नियम हैं।
आरएसी टिकट एक खास तरह का टिकट होता है। यह तभी जारी किया जाता है, जबकि ट्रेन में फुल बर्थ खत्म हो जाता है। इसमें पैसेंजर्स को एक तरह से आधी बर्थ ही मिलती है। यानी आप ट्रेन में बैठ तो सकते हैं, लेकिन सोने वाली पूरी सीट को आपको किसी दूसरे व्यक्ति के साथ शेयर करनी होती है। जैसे कंफर्म सीट पर आप आसानी से सो सकते हैं, वैसे आरएसी टिकट पर आपको एक दूसरे यात्री के साथ शेयर करना होता है।
आरएसी टिकट जारी करने का प्राथमिक उद्देश्य तो पैसेंजर्स की भलाई थी। कई बार होता है कि लोग इमरजेंसी में अपनी यात्रा खड़े-खड़े भी पूरी करते हैं। वे डिब्बे में जमीन पर चादर या अखबार बिछा कर बैठ या सो भी जाते हैं। मजबूरी में यात्रा करने वाले ऐसे पैसेंजर्स के लिए ही RAC टिकट की संकल्पना लाई गई थी। यह टिकट इसलिए जारी किया जाता है ताकि कोई पैसेंजर अपना टिकट कैंसिल कराता है तो वह बर्थ आरएसी वालों को अलॉट कर दिया जाए।
जिन पैसेंजर्स के पास आरएसी वाला टिकट होता है, वे राजधानी और शताब्दी जैसे प्रीमियम ट्रेन में भी चढ़ सकते हैं। इन ट्रेनों में वेटिंग टिकट वालों को चढ़ने का अधिकार नहीं है। कोरोना काल में भी आरएससी टिकट धारकों को विशेष अधिकार दिए गए थे और वो ट्रेन में यात्रा कर सकते थे। इसके अलावा इन टिकट धारकों को चलती ट्रेन में भी बर्थ कंफर्म करने में प्राथमिकता दी जाती है। अगर ट्रेन में कोई सीट खाली रहती है तो टीटीई उसे RAC टिकट वालों को अलॉट कर देता है।
आप इस बात को समझ लें कि RAC टिकट धारी पैसेंजर को भी एक बोनाफाइड पैसेंजर के पूरे अधिकार हैं। ट्रेन के प्रस्थान के बाद, टीटीई सभी पैसेंजर्स का अटेंडेंस लेते हैं। यदि कोई यात्री नहीं आया तो वह खाली बर्थ RAC टिकट धारी व्यक्ति को अलॉट कर दिया जाता है। यदि एसी क्लास में आपको आरएसी टिकट मिला है तो आपको बेड रोल भी मिलेगा। यदि राजधानी एक्सप्रेस या शताब्दी एक्सप्रेस का RAC टिकट है तो उस पर बेड रोल और खाना भी मिलेगा।