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जानें मृत्यु के दौरान किस अंग से निकलते हैं व्यक्ति के प्राण, पढे पूरी अपडेट

नई दिल्ली। गरुण पुराण, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। भगवान विष्णु और उनके भक्तों के बीच वार्तालाप से इसमें मृत्यु से पहले और बात की स्थिति के बारे में बताया गया है। मृत्यु एक ऐसा सत्य है जो कोई भी व्यक्ति नहीं झुठला सकता। जिस भी व्यक्ति ने पृथ्वी पर जन्म लिया उसकी मृत्यु भी तय है। ऐसे में आइए जानते हैं कि गरुड़ पुराण में मृत्यु को लेकर क्या कहा गया है।

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि शरीर के नौ द्वार होते हैं जो इस प्रकार हैं – दोनों आंखें, दोन कान, मुख, नाक और उत्सर्जन अंग। जिसमें से किसी एक द्वारा से मृत्यु के दौरान व्यक्ति के प्राण निकलते हैं। साथ ही गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि अलग-अलग स्थितियों में प्राण अलग-अलग द्वार से निकलते हैं।

जो भी व्यक्ति अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभाता है या फिर जिसने अपना पूरा जीवन भक्ति में लीन कर दिया है, उसके प्राण नाक से निकलते हैं। ऐसे में नाक से प्राण निकलना बहुत ही शुभ माना जाता है। जो व्यक्ति जीवन में धर्म के मार्ग पर चला हो उस व्यक्ति के प्राण मुख से निकलते हैं। इसलिए मुख से प्राण निकलना भी शुभ माना जाता है।

जो व्यक्ति जीने की अधिक इच्छा रखता है और जिसे अपने परिवार से बहुत अधिक लगाव होता है, ऐसे व्यक्ति के प्राण आंखों से निकलते हैं। वहीं, जिस व्यक्ति ने अपना पूरा जीवन केवल धन-दौलत कमाने में लगा दिया हो, उस व्यक्ति के प्राण उत्सर्जन अंग यानी मल और मूत्र के द्वारा से निकलते हैं। इसे शुभ नहीं माना जाता।

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