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राम मंदिर में शुरू हुई नई व्यवस्था, रामलला के दर्शन से पहले श्रद्धालुओं को देनी होगी कड़ी ‘परीक्षा’

अयोध्या के राम मंदिर में पहुंच रहे श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन अब आसानी से नहीं मिल सकेंगे। इसके लिए पहले उन्हें कड़ी ‘परीक्षा’ से गुजरना होगा। इसके बाद ही रामलला के दर्शन के लिए एंट्री मिलेगी। दरअसल रामनवमी मेला के बाद दोबारा बहाल हुई आरती व सुगम दर्शन पास में फर्जीवाड़ा पर अंकुश के लिए पास धारक श्रद्धालुओं की त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था पहली बार लागू कर दी गई है। इस जांच के लिए पास धारकों को निर्गत पास के आईडी को अपने साथ लेकर जाने की अनिवार्यता हो गयी है। पहले यह अनिवार्यता नहीं थी और पास देखकर श्रद्धालुओं को प्रवेश दे दिया जाता था लेकिन अब पास धारक को सत्यापन के रोक कर पूछताछ की जा रही है। फिर प्रवेश दिया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि पूर्व व्यवस्था के कारण साइबर खिलाड़ी दूसरों के आईडी प्रूफ पर लोगों को भेजकर वसूली कर ले रहे थे। पिछले दिनों धनराशि लेकर दर्शन कराने के मामले की जांच हुई तो इस प्रकार के चौंकाने वाले मामले भी सामने आए। इसके कारण आईडी प्रूफ के सत्यापन की व्यवस्था को प्रभावी कर दिया गया है। इस नयी व्यवस्था में इंट्री गेट पर सुरक्षा कर्मी पहले पास की सामान्य जांच कर अपना हस्ताक्षर कर नियत संख्या में श्रद्धालुओं के प्रवेश सुनिश्चित कराते हैं।

पुनः फ्रीस्किंग एरिया में यूपी पुलिस के एक उपनिरीक्षक पास धारक के आईडी प्रूफ की मांग करते हैं। उसके आईडी प्रूफ से सम्बन्धित पास धारक के चेहरे का मिलान करने के अलावा पास में स्लाट के समय व तिथि की भी जांच की जाती है। इस जांच से संतुष्टि के बाद जांच अधिकारी भी अपना हस्ताक्षर करते हैं। फ्रीस्किंग एरिया में जांच के बाद तीसरी बार पुनः पास की सामान्य जांच होती है और निर्धारित श्रद्धालुओं की गिनती कराकर उन्हें आगे जाने दिया जा रहा है।

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख न्यासी व सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पैरोकार पूर्व अटार्नी जनरल केशव पारासरन मंगलवार को सपरिवार अयोध्या आएंगे। उनके साथ सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद के मुकदमे के अन्य सहयोगी अधिवक्ताओं की टीम भी यहां पहुंचेगी। यह जानकारी तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने दी। उन्होंने बताया कि करीब 90 वर्ष से अधिक आयु के श्रीपारासरन प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में नहीं शामिल हो पाए थे। यद्यपि कि मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद उनकी तीन यात्राएं हुई लेकिन मंदिर में विराजित रामलला का साक्षात दर्शन भौतिक रूप से नहीं हो पाया था। इसके कारण वह अब अपने पूरे परिवार के साथ दर्शन के लिए आ रहे हैं। खास बात है कि श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पंजीकृत कार्यालय के रूप में नई दिल्ली स्थित श्रीपारासरन का आवास ही है।

राम मंदिर में प्रतिदिन रामलला की होने वाली श्रृंगार आरती का सजीव प्रसारण दूरदर्शन पर बीते फरवरी माह से किया जा रहा है। श्रृंगार आरती के प्रसारण का समय सुबह सवा छह बजे है। दूरदर्शन की ओर से प्रसारण की अवधि 20-25 मिनट थी जबकि रामनवमी को यह प्रसारण प्रातः करीब 40 मिनट चला। वहीं रामनवमी बीतने के बाद अवधि 12-15 मिनट कर दी गयी है। इस बारे में दूरदर्शन के सहायक निदेशक अभियांत्रिकी अनिल सिंह ने बताया कि विशेष अवसरों को छोड़कर प्रसारण की अवधि पूर्व निर्धारित है। इस निर्धारित समय में मंदिर के पुजारी गण जब भगवान का शृंगार कर आरती करते हैं, तब प्रसारण हो पाता है। उनका कहना है कि भगवान के श्रृंगार के समय में अवधि आगे-पीछे हो जाती है।

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