लाल कलम से ही क्यों लिखते हैं टीचर्स, छात्र क्यों इस्तेमाल करते हैं नीला-काला पेन? नहीं जानते होंगे कारण
स्कूल में अपनी उत्तर पुस्तिका पर लाल रंग का अंडा देखना हर छात्र के लिए दुखद अनुभव होता है, वहीं लाल रंग में 100 या A+ मिल जाना खुशी दे जाता है. अगर टीचर ने लाल रंग से कॉपी पर कुछ लिख दिया तो छात्रों के परिजन भी उसे गंभीरता से लेते हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर टीचर्स लाल रंग के पेन का ही इस्तेमाल क्यों करते हैं, जबकि छात्र हमेशा नीले या काले रंग के पेन लिखते हैं? चलिए आपको इसकी वजह बताते हैं.
शिक्षकों के लाल रंग से लिखने या छात्रों के नीले-काले रंग से लिखने के पीछे कोई तय और लिखित कारण नहीं है. इसको लेकर कई अंदाजे लगाए जाते हैं और यहां भी हम जो जानकारी दे रहे हैं, वो अलग-अलग रिपोर्ट्स के आधार पर ही दे रहे हैं. ऐसे में न्यूज18 हिन्दी, रिपोर्ट्स में किए गए दावों के सही होने की पुष्टि नहीं करता है. चलिए अब बात करते हैं कलम के रंगों की. स्टीमइट डॉट कॉम और एबीसी साइंस वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार पेन का कलर छात्र और टीचर के संबंधों पर काफी असर डालता है.
छात्र नीले और काले रंग से इसलिए लिखते हैं क्योंकि वो डार्क कलर होता है और सफेद रंग के कागज होने की वजह से वो कॉन्ट्रास्ट में रहता है. इस वजह से लिखी हुई चीजें आसानी से दिख जाती हैं. पर टीचर्स लाल रंग से इसलिए लिखती हैं क्योंकि उन्हें छात्रों का लिखा हुआ जांचना पड़ता है, इस वजह से अगर वो भी नीला या काला रंग इस्तेमाल करेंगी, तो उनका रीमार्क, छात्रों के जवाब के साथ मिल जाएगा और बता पाना मुश्किल हो जाएगा कि टीचर का लिखा कौन सा है और छात्रों का कौन सा है. लाल के अलावा अन्य कोई रंग इसलिए नहीं चुना जाता क्योंकि लाल रंग अथॉरिटी का लगता है, उसमें लिखी गई बात गंभीर संदेश देती है, इसलिए टीचर की लिखी हुई चीजों को बच्चों के साथ-साथ उनके परिजन भी गंभीरता से ही लेते हैं.
लाल रंग की गंभीरता और बच्चों पर पड़ने वाले असर भी अलग होते हैं. द सोशल साइंस जर्नल में पब्लिश हुए एक पेपर में समाज शास्त्र के प्रोफेसर रिचर्ड ड्यूक ने बताया कि टीचर द्वारा इस्तेमाल किया गया लाल रंग नकारात्मक असर छात्र और टीचर के रिश्ते पर डालता है. लाल रंग का असर छात्रों के इमोशन पर पड़ता है, इसलिए किसी भी तरह के सुझाव या कमी के बारे में लिखने के लिए अमेरिका में नीले रंग का इस्तेमाल करने की नसीहत दी जा रही है. वहां लाल रंग इस्तेमाल करने से टीचरों को रोका जा रहा है. प्राचीन कोरियन मान्यताओं के अनुसार लाल रंग में अगर किसी का नाम लिख दिया जाए तो उसकी मौत हो जाती है. गॉन टू कोरिया वेबसाइट के अनुसार वहां पर टीचर्स लाल रंग के पेन का प्रयोग नहीं करती हैं.