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शायर मुनव्वर राणा का हार्ट अटैक से निधन, 71 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

लखनऊ. शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) का रविवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। उन्होंने 71 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से गले के कैंसर से पीड़ित थे। कुछ दिन पहले उन्हें लखनऊ के संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती किया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी बेटी सुमैया राणा ने मौत की पुष्टि की है।

सुमैया ने बीते गुरुवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे जारी एक वीडियो में कहा था कि पिछले दो-तीन दिनों से मेरे पिता की तबीयत बिगड़ रही है। डायलिसिस के दौरान उनके पेट में तेज दर्द हुआ। डॉक्टरों ने सीटी स्कैन किया और उनके पित्ताशय में कुछ समस्या पाई। फिर उनका ऑपरेशन किया गया था।

तीन हार्ट अटैक आए
मुनव्वर की बेटी फाजिया राणा ने बताया कि ऑपरेशन के बाद शायर की हालत में सुधार हो रहा था। लेकिन शनिवार की दोपहर उन्हें दिल का दौरा पड़ा तो उनकी हालत बिगड़ती चली गई। इसके बाद रविवार शाम को उन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ा और कुछ ही देर बाद रात 11 बजे के करीब तीसरा दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनका निधन हो गया।

अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिवंगत शायर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म होता है…फिर आंखें खोल ली जाएं कि सपना खत्म होता है।” यादव ने इसी संदेश में आगे कहा, “देश के जानेमाने शायर मुन्नवर राना जी का निधन अत्यंत हृदय विदारक। दिवंगत आत्मा की शांति की कामना। भावभीनी श्रद्धांजलि।”

राणा को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए वर्ष 2014 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सोमैया ने बताया कि राणा को सोमवार को उनकी वसीयत के मुताबिक लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। राणा के परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है।

हिंदुस्तान के सबसे मशहूर शायरों में शुमार किए जाने वाले मुनव्वर राणा की नज्म “मां” का उर्दू साहित्य जगत में एक अलग स्थान है। वर्ष 1952 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जन्मे मुनव्वर राणा की शायरी बेहद सरल शब्दों पर आधारित हुआ करती थी, जिसने उन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया।

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