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हिमाचल में बीजेपी को एंटी-इनकंबेंसी का डर; कई मौजूदा विधायकों का कटेगा टिकट, नए चेहरों को मिलेगा मौका!

चंडीगढ़: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने रह गए हैं। इससे पहले भाजपा अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के हिसाब से मूल्यांकन में जुटी है, जिसके बाद उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। बीजेपी का प्रयास है कि किसी भी तरह की एंटी-इनकंबेंसी न होने पाए। ऐसे में कई नए चेहरों को टिकट दिया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश बीजेपी की कोर कमेटी जल्द ही इसे लेकर बैठक बुला सकती है, जिसमें कुल 68 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का नाम फाइनल किया जाएगा। पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि उम्मीदवार के नाम का ऐलान इस बात को ध्यान में रखते हुए होगा कि उनके जीतने की संभावना कितनी अधिक है।

एंटी-इनकंबेंसी से भाजपा का इनकार नहीं
भाजपा के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘ऐसा नहीं होगा कि सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दे दिया जाए। हम लोग सत्ता में बने रहने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में कई इलाकों में एंटी-इनकंबेंसी देखने को मिल सकती है। इसे देखते हुए कई नए चेहरों को मैदान में उतारा जा सकता है। इससे नए लोगों को आगे आने का मौका मिलेगा।’

‘शाह-नड्डा ने नए चेहरों को मौका देने का दिया सुझाव’
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम रमेश के साथ बैठक की थी। बताया जाता है कि इस दौरान शाह और नड्डा ने नए चेहरों को मौका देने का सुझाव दिया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शिमला संसदीय सीट के तहत आने वाले 17 असेंबली सेग्मेंट में नए लोगों को टिकट दिए जाने की संभावना है।

उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पर अधिक जोर
भाजपा की ओर से शुरुआती तौर पर कराए गए सर्वे में सत्ताधारी पार्टी को बढ़त मिलती दिख रही है, इसके बावजूद आलाकमान किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है। सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल लीडरशिप ने स्टेट यूनिट की चुनाव तैयारियों पर नजर बनाए हुए है। इससे भी अधिक जोर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पर है।

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