अब बदलने वाला है ट्रेनों में फर्स्ट एसी डिब्बे का लुक, मिलेगा फाईव स्टार जैसा माहौल
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ सालों में अपनी सेवाओं को सुधारने की दिशा में जो कदम उठाए हैं, उनके चलते यात्रियों को भी रेल का सफर लुभाने लगा है। अब रेलवे ट्रेनों में फर्स्ट एसी डिब्बे का लुक ऐसा बनाने वाला है जिससे यात्रियों को फाईव स्टार जैसे माहौल का अहसास हो।
जबसे देश के रेल मंत्री एक पूर्व आईएएस बने हैं, तब से इसके इंजीनियर भी लीक से हट कर सोचने लगे हैं। पहले रेलवे के इंजीनियरों ने स्वदेशी संसाधनों से वंदे भारत का रोलिंग स्टॉक डेवलप किया। उसके बाद वंदे साधारण ट्रेन बनाने की शुरुआत हुई। फिर स्लीपर वंदे भारत पर काम शुरु हुआ। अब बारी है फर्स्ट एसी के कोच के नए डिजाइन की। जी हां, इस कोच को भी पूरी तरह से बदलने की तैयारी है। पंजाब में कपूरथला स्थित रेल मंत्रालय के प्रोडक्शन यूनिट रेल कोच फैक्टी में इस समय फर्स्ट एसी के नए डिजाइन के कोच पर काम चल रहा है।
इस समय लगभग हर अच्छी ट्रेन में फर्स्ट एसी का एक डिब्बा तो होता ही है। इसी के डिजाइन को बदलते हुए इसे और बेहतर बनाया जा रहा है, साथ ही इसमें सीट और बर्थ की संख्या भी बढ़ाने पर काम चल रहा है।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि अब रेलवे में टिकटिंग पैटर्न बदल रहा है। पहले फर्स्ट क्लास के अधिकतर डिब्बे खाली चलते थे। अब फर्स्ट एसी में आपको कंफर्म बर्थ नहीं मिलेगा। थोड़ा अधिक पैसा खर्च कर लोग आराम और निर्विघ्न यात्रा करना चाहते हैं। लेकिन दिक्कत यह है कि फर्स्ट एसी के एक डिब्बे में सीमित लोगों को ही बर्थ दिया जा सकता है। इसलिए एक ऐसे डिब्बे के डिजाइन पर काम चल रहा है, जिसमें पहले के मुकाबले अधिक बर्थ हों।
आपने कभी इंटरनेशनल रूट पर हवाई जहाज के बिजनस क्लास में ट्रेवल किया है तो आप इसे आसानी से समझ पाएंगे। हवाई जहाज के बिजनस क्लास में ऐसी आरामदेह सीटें बनी होती हैं जो कि बैठते वक्त आपके लिए राजगद्दी सा आरामदेह लगेगा। जब सोने का मूड करे तो बटन दबाइए और उसे खोल लीजिए। वह पूरा बर्थ बन जाएगा। उसी में टीवी स्क्रीन का इंतजाम होता है, उसी में पानी का बोतल रखने की व्यवस्था, साथ में पेपर या मैग्जीन रखने की भी व्यवस्था। इसी ने रेलवे के इंजीनियरों को प्रेरित किया है।
पिछले दिनों ही कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री ने फर्स्ट एसी कोच का नया कंसेप्ट डिजाइन वाला फोटो जारी किया है। फर्स्ट एसी के डिब्बे की विशेषता यह होती है कि यह पूरा का पूरा कमरा होता है। दो बर्थ वाला और चार बर्थ वाला कमरा। आप अंदर से दरवाजा बंद कर लें तो आपको कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा। इसलिए दो बर्थ वाले कूपे की ज्यादा डिमांड होती है। नए डिजाइन के कोच में सभी कूपे दो बर्थ वाले ही होंगे।
इस समय फर्स्ट एसी कोच में एक तरफ कूपे बने होते हैं और दूसरी साइड में गलियारा होता है। इस तरह से खिड़की का साइड यूं ही खाली रहता है। जबकि खिड़की वाली सीट या बर्थ की ज्यादा डिमांड रहती है। नए डिजाइन में किसी किनारे नहीं बल्कि बीच में गलियारे की व्यवस्था होगी। दोनों तरफ कूपे बने होंगे। इस तरह से सभी कूपे के बर्थ को खिड़की की सुविधा मिलेगी ताकि सफर के दौरान वह बाहर के गांव-शहर-कस्बे का दृष्य देखते रहें।
इस समय जो फर्स्ट एसी के डिब्बे चल रहे हैं, उसमें कुल मिला कर 24 बर्थ की व्यवस्था होती है। नए डिजाइन में कोच के दोनों साइड में खिड़की की तरफ दो-दो बर्थ के कूपे बनाए जाएंगे। इस तरह से एक तरफ आठ तो दूसरी तरफ सात कूपे बनाए जाएंगे।
कुल मिला कर 15 कूपे बनेंगे तो उसी डिब्बे में बर्थ की संख्या बढ़ कर 30 हो जाएगी। एक कूपे की जगह पर लिनेन स्टोर बनाया जाएगा ताकि वहां कंबल, चादर, तकिये आदि स्टोर किया जा सके। किसी डिब्बे में ज्यादा बर्थ मतलब कि रेलवे के लिए ज्यादा कमाई का मौका।
रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि कूपे में जो नीचे दो सीटें होंगी वे बेहद आरामदेह होंगी। जब आपका मन बैठने का करे तो उसे सीट बना कर बैठें। जब रात हो जाए या दिन में भी सोने का मन करे तो सीट को खोल कर बर्थ बना लीजिए। बर्थ के बगल में खिड़की है। लेटे-लेटे बाहर के दृष्य का आनंद लीजिए। इस नए डिज़ाइन से अधिक लोग इन कोचों में आराम से यात्रा कर सकेंगे।
इस समय रेलवे के फर्स्ट एसी के कोच में टीवी स्क्रीन की कोई व्यवस्था नहीं है। रेलवे ने जो फर्स्ट एसी का कंसेप्ट डिजाइन जारी किया है, उसमें बर्थ के सामने वाली दीवार पर एक टीवी स्क्रीन भी लगा दिखाई दे रहा है।
उसमें ओटीटी प्लेटफार्म की स्ट्रीमिंग भी हो रही है। मतलब कि डिब्बे में वाई-फाई की भी व्यवस्था होगी। इसी तरह सीट के आस-पास कई नई चीजें दिखाई गई हैं। मतलब कि आने वाले दिनों में फर्स्ट एसी का सफर और आरामदायक और सुहाना होगा।