अब स्टेरायड से कम होगा रेडिएशन थेरेपी का नुकसान, प्रोस्टेट कैंसर रोगियों को राहत
मुंबई: यदि आपके परिचय क्षेत्र में कोई व्यक्ति प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त है तो यह आपके लिए काम की खबर है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि एक स्टेरायड का इस्तेमाल मरीज को काफी राहत प्रदान कर सकता है। प्रोस्टेट मूत्राशय के नीचे स्थित पुरुषों के जननांग का महत्वपूर्ण अंग है। इसमें विकसित होने वाले कैंसर का पता लगाना अत्यंत मुश्किल होता है। इस बीमारी के शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। पहली बार यह पाया गया कि बीटामेथासोन सामान्य प्रोस्टेट कोशिकाओं को रेडिएशन थेरेपी से होने वाले नुकसान से बचाती है, जबकि कैंसर कोशिकाओं को कमजोर करके इलाज को प्रभावी बनाती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे नए उपचार के विकास की तत्काल जरूरत है, जिससे सामान्य ऊतकों को नुकसान न हो और रेडिएशन थेरेपी का प्रभाव भी बढ़ जाए। यह प्रोस्टेट कैंसर नियंत्रण पर बड़ा प्रभाव डालेगा और इससे मरीज की सेहत भी बेहतर होगी। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी आफ केंटकी मार्की कैंसर सेंटर के एक हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि बीटामेथासोन के उपयोग से प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन थेरेपी के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
बीटामेथासोन एक सामान्य स्टेरायड है। अध्ययन निष्कर्ष इंटरनेशनल जर्नल आफ मालिक्यूलर साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। टीम ने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से मान्यता प्राप्त करीब 700 दवाओं की जांच की। उसने पता लगाने का प्रयास किया कि कौन सी दवा रेडिएशन थेरेपी के कारण पैदा होने वाली साइटोटोक्सिसिटी से सामान्य ऊतकों को बचा सकती है।
यह प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में भी मदद कर सकती है। इसमें बीटामेथासोन को ज्यादा उपयुक्त पाया गया। हालांकि, शोधार्थियों का कहना है कि डाक्टर की सलाह से ही इस प्रकार की किसी भी दवा का इस्तेमाल करना उचित होगा। यह अध्ययन यूके कालेज आफ मेडिसिन के डिपार्टमेंट आफ टाक्सिकोलाजी एंड कैंसर बायोलाजी में सहायक प्रोफेसर लुक्साना चाइसविंग के नेतृत्व में हुआ है।