राज्य

अमीर बनने की हवस में हैवान बनी बीबी, 57 साल की उम्र में पति के साथ पार की सारी हदें

नागौर: टीवी चैनलों पर आप अक्सर इंश्योरेंस कंपनियों के ऐड देखते होंगे, जिसमें मर्द को पत्नी और बच्चों के भविष्य को ख्याल में रखते हुए प्लान लेते हुए दिखाया जाता है। वास्तविक जीवन में भी कुछ ऐसा ही होता है। हर पति अपने जीवनकाल में इसलिए इंश्योरेंस करवाते हैं ताकि किसी वजह से अगर उनकी असमय मौत हो जाए तो उनकी पत्नी और बच्चों को आर्थिक संकट का सामना ना करना पड़े। शायद हर पत्नी यही चाहती है कि उन्हें कभी भी अपने पति के इंश्योरेंस की रकम को यूज करने की नौबत ना आए। लेकिन राजस्थान के नागौर जिले की शारदा नाम की महिला इंश्योरेंस की रकम पाने की हवस में हैवान बन गई।

मर्डर मिस्ट्री बेस्ड फिल्मों में अपराध के नए-नए तरीके दिखाए जाते हैं। आमतौर पर फिल्मों में अपराध करने के दिखाई जाने वाले आइडिया काल्पनिक होते हैं। नागौर जिले की शारदा ने दौलत की हवस में जिस सफाई से वारदात को अंजाम दिया है, उसे जानकर शायद ही कोई यकीन करे। महिला ने इंश्योरेंस की दौलत पाने की हवस में बेहद सफाई से अपने ही पति का कत्ल कर दी।

मेड़ता सिटी थाना क्षेत्र के कुरड़ाया गांव में रहने वाली शारदा ने इंश्योरेंस क्लेम में मिलने वाली रकम के लालच और ट्रैक्टर-पिकअप का कर्ज माफ कराने के लिए पति की गला दबाकर हत्या कर दी। इसका खुलासा तब हुआ, जब अंतिम क्रिया से पहले शव को नहलाया गया। मृतक के गले और शरीर पर चोट के निशान देख परिजन को शक हुआ। पूछताछ करने पर पत्नी शारदा ने बताया कि बाइक से गिरने के चलते पति को चोट लगी थी। अपना जुर्म छिपाने के लिए शारदा ने आनन-फानन में शव का अंतिम संस्कार करवा दिया।

डेड बॉडी को नहलाते वक्त शरीर पर चोट के निशान देकर भाई को शक हुआ। शारदा की ओर से बाइक से गिरने की बात पर उसे शक हुआ। उसने पुलिस को यह बात बताई, जिसके बाद थाने में बुलाकर शारदा से दोबारा पूछताछ की गई। इसके बाद जो सच्चाई सामने आई उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। शारदा ने कबूल किया कि इंश्योरेंस का क्लेम हासिल करने और ट्रैक्टर का कर्ज माफ करवाने के लिए पति की हत्या उसी ने की है। पुलिस ने इसके बाद शारदा को अरेस्ट कर लिया है।

थानाधिकारी रोशनलाल सामरिया ने बताया कि आरोपी पत्नी शारदा ने पूछताछ में कबूल किया है कि उसका पति नेमाराम मंगलवार को खेत में काम करने के बाद घर दोपहर का खाना खाने आया था। खाना खाने के बाद नेमाराम थोड़ी देर आराम करने के लिए बिस्तर पर गया। तभी उसकी आंख लग गई। इसी दौरान पत्नी शारदा ने उसका गला दबा दिया। साथ ही कुछ घंटे बाद खुद ही लोगों को बुलाकर कहा कि वह पति को जगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह बिस्तर से उठ नहीं रहे हैं। कुल मिलाकर उसने पति नेमाराम की मौत को सामान्य मौत दिखाने की कोशिश की। पत्नी होकर जब यह बात कह रही थी तो लोगों ने उसे मान भी लिया।

परिवार वाले नेमाराम की डेड बॉडी को नहला रहे थे उसी दौरान उसके भाई भाकरराम की नजर चोट पर गई। संदेह होने पर उसने भाभी शारदा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि नेमाराम एक दिन पहले बासनी गए थे। रास्ते में गिरने से ये चोटें आई हैं। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। भाकरराम को शारदा की ओर से दिया गया तर्क गले से नहीं उतरा। उसने पुलिस से सारी बात बता दी। पूछताछ में शारदा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

शारदा ने पुलिस को बताया कि वह तीन महीने पहले ही नेमाराम के बेटे और पत्नी ने एक ट्रैक्टर और एक पिकअप 18 लाख रुपये में नेमाराम के नाम पर खरीदी थी। कुछ दिन पहले ही नेमाराम ने पत्नी के नाम पर एक जीवन बीमा पॉलिसी करवाई थी। शारदा को धन दौलत की हवस थी। इसी वजह से इंश्योरेंस की रकम पाने के लिए और ट्रैक्टर और पिकअप का लोन माफ कराने के इरादे से गला दबाकर अपने ही पति नेमाराम की हत्या कर दी।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------