आईवीआरआई में आयोजित छ: दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
बरेली , 25फरवरी। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित छ: दिवसीय ”हैण्डस ऑन ट्रेनिंग ऑन “फ्रेक्चर मेनेजमेंट इन एनीमल्स“ का कल समापन हो गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑल इण्डिया नेटवर्क प्रोग्राम ऑन डायग्नोस्टिक इमेजिंग एण्ड मेनेजमेंट ऑफ सर्जीकल कन्डीशन्स इन एनिमल्स (एआईएनपी-डीआईएमएससीए) द्वारा प्रायोजित किया गया था।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर संबोधित करते संस्थान के संयुक्त निदेशक, कैडराड डा. के.पी. सिंह ने कहा कि संस्थान के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की काफी मांग है तथा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश के ही नहीं अपितु विदेशों से भी प्रतिभागी भाग लेने आते हैं जिनमें श्रीलंका, नेपाल, मालदीव तथा ओमान शामिल हैं। डा. सिंह ने कहा कि शल्य चिकित्सा विभाग के वैज्ञानिक होने के साथ-साथ कुशल सर्जन भी हैं। इन्होंने पशुओं के जटिल रोगों की शल्य चिकित्सा कीहै तथा साथ ही साथ फ्रैक्चर से सम्बन्धित कई तकनीकी भी विकसित की हैं जिनका प्रयोग विभिन्न फ्रैक्चर से संबंधित अवस्थाओं में किया जाता है।
पाठ्यक्रम निदेशक तथा रेफॅरल पॉलीक्लीनिक के प्रभारी डा अमरपाल ने बताया कि शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा लगातार पशुचिकित्साधिकारियों के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पशुचिकित्साधिकारियों को ऐसी तकनीक के बारे में ज्ञान देना है जिसको कम से कम सुविधाओं के साथ वे अपने प्रक्षेत्र में प्रयोग कर सके। उन्होंने कहा कि आज फैक्चर काफी कामन होता जा रहा है जिसकी मुख्य वजह एक्ससाइज न हो पाना तथा बड़ता हुआ ट्रेफिक है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षणार्थियों को आईवीआरआईद्वारा विकसित नवीन सर्जरी, बडे तथा छोटे़ पशुओं के फ्रेक्चर सम्बन्धी समाधान, फिक्सटेटर प्लेट का प्रयोग, के बारे में हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रशिक्षण दिया गया अर्थात पशुचिकित्साधिकारी द्वारास्वंय फैक्चर तथा इससे सम्बन्धित तकनीक को प्रयोग किया।
कार्यक्रम कासंचालन पाठ्यक्रम समन्वयक डा. रोहित कुमार द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापनपाठ्यक्रम सह समन्वयक डा. अभीजीत पावडे़ द्वारा दिया गया। इस अवसर पर डा. अभिषेक सक्सेना, डा. रेखा पाठक आदि मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट