उत्तर प्रदेश

आईवीआरआई में उद्योग – अकादमिक श्रृंखला की बैठक का आयोजन

बरेली ,14 जनवरी। आईसीएआर-
भारतीय पशु चिकित्‍सा अनुसंधान संस्‍थान, इज्‍तनगर बरेली ने ‘आजादी का महोत्सव ’ के अंतर्गत देश के विभिन्‍न उद्योगों के साथ उद्योग-अकादमिक श्रृंखला की शुरूआत की है। जिसके तहत तीसरी बैठक का आयोजन कल हाइब्रिड मोड में किया गया, जिसमें 37 उद्योगों के 63 उद्योग समेत कुल 128 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने पशुओं कि कई बीमारियों के उन्मूलन में आईवीआरआई के उल्लेखनीय योगदान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने देश में पशु टीकों के विकास में आईवीआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होने राष्ट्रीय पशु रोग उन्मूलन कार्यक्रम में संस्थान के योगदान और टीकों के मानकीकरण में संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ दत्त ने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 90 से अधिक डिप्लोमा और प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम, एमएससी जैव प्रौद्योगिकी जैसे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। आईवीआरआई विश्‍वविद्यालय को विश्‍व स्‍तर के प्रतिष्ठित संस्‍थान में बदलने की दिशा में प्रयास कर रहा है। उन्होंने उद्योग जगत को अनुसंधान के अनुबंध, सहयोगी और पीपीपी मॉडल के रूप में चल रही अनुसंधान गतिविधियों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्‍होंने उद्योग जगत के सभी प्रतिनिधियों का दिल से आभार व्‍यक्‍त किया और आशा व्‍यक्‍त की कि यह प्‍लेटफॉर्म बेहतर और मजबूत भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
इस अवसर पर महाराष्‍ट्र सरकार के पशुपालन आयुक्‍त डॉ. हेमंतवसेकर ने इस तरह के महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। उन्होंने कहा कि यह मंच उद्योग-अकादमिक दोनों के लिए परस्पर लाभकारी होगा। उन्होंने पशु स्वास्थ्य प्रबंधन में आईवीआरआई की भूमिका की सराहना की। डा. एथल ने आधिकारिक रूप से सभी अतिथियों का स्वागत किया।
संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डॉ. (श्रीमती) रूपसी तिवारी ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां संस्थान द्वारा तैयार प्रौद्योगिकियों की जानकारी विभिन्‍न उद्योगों को प्रदान कर उनके शीघ्र बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सकता है। डॉ तिवारी ने कहा कि उद्योगों ने आईवीआरआई द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों विशेष रूप से टीके, डेयरी से संबंधित नई तकनीक, नैनो प्रौद्योगिकी और केंचुआ खाद आदि में अपनी गहरी रुचि व्यक्त की। इसके अलावा 18 से अधिक कंपनियों ने आईवीआरआई में अपने उत्पादों के मानकीकरण करने की इच्छा व्यक्त की। ईफीड, फिलियो बाय लेसाफ्रे, विरबैक एनिमल हेल्थ, आईएनएएफएएच, वेंकटेश्वर हैचरीज, केमलाइफ इनोवेशन, बेंटोली, इंटास, हेस्टर, इंटरवेट और केमिन जैसे उद्योगों ने आईवीआरआई के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान में रुचि दिखाई और मक्का और एसबीएम के प्रतिस्थापन, पोल्ट्री फ़ीड, मवेशियों और भैंसों में आईवीएफ और ईटी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता संचालित टेलीमेडिसिन, एआई और एस्ट्रस डिटेक्टर, जैविक, मीथेन शमन, मवेशी चारा, स्वदेशी नस्लों के दूध उत्पादन क्षमता में सुधार, एथनोवेटरनरी दवा, जीनोटाइपिंग, पशु पोषण, नैनो प्रौद्योगिकी, जड़ी बूटी निष्कर्षण और सूत्रीकरण के क्षेत्र में अनुसंधान करने का सुझाव दिया. इसके अलावा, आरटी, एलान्को एनिमल, ओकेमी बायोसाइंस, वेटिना हेल्थकेयर, पोल्ट्री वॉयस ऑफ इंडिया, ईडब्लू न्यूट्रिशन, कारगिल, गोदरेज एग्रोवेट, वारी वूमेन डेयरी फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी, वेंकटेश्वर रिसर्च एंड ब्रीडिंग फार्म और बायफ जैसे उद्योगों ने किसान सामाजिक उत्थान के कार्यक्रमों में योगदान की इच्छा व्यक्त की है।
संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डॉ.एस.के.मेंदिरता ने भागीदारी के लिए उद्योग प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योग -संस्थान सेल खोलने की आवश्यकता है जिससे उद्योगों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके। नई शिक्षा नीति के अंतर्गतआईवीआरआई ने उद्योग में अपने छात्रों की इंटर्नशिप शुरू कर दी है और उद्योगों से आग्रह किया है कि वे छात्रों को अपने संगठन में इंटर्नशिप करने की अनुमति दें और साथ ही आवश्यकता के अनुसार भर्ती भी करें इससे विद्यार्थियों में उद्यमिता के विकास में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, उद्योग-अकादमिक जगत के पारस्परिक लाभ के लिए प्रैक्टिस के प्रोफेसर को उद्योग से नामित किए जाने का भी आग्रह किया।
तकनीकी सत्र में, आईसीएआर-आईवीआरआई, इज्जतनगर के आईपी पोर्टफोलियो को डॉ. अनुज चौहान, प्रभारी आईटीएमयू और पोल्ट्री के विशेष संदर्भ में वैक्सीन और डायग्नोस्टिक्स विकास की वर्तमान स्थिति पर डॉ. पी. धर, एचडी (मानकीकरण) ने प्रस्तुत की। तकनीकी सत्र के बाद उद्योग प्रतिनिधियों के साथ पैनल चर्चा हुई। उद्योग प्रतिनिधियों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर आईवीआरआई के विशेषज्ञों द्वारा द्वारा दिये गए और इस इंटरफ़ेस मीट के दौरान उभरे सभी बिंदुओं पर उद्योग प्रतिनिधियों के साथ आगामी भविष्य में फॉलोअप मीटिंग के शीघ्र आयोजन का लक्ष्य रखा गया।
बैठक में डॉ. एस.के. सिंह, संयुक्त निदेशक (शोध), डॉ. के.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक (केडराड); डॉ. एस.के. मेंदीरत्ता, संयुक्त निदेशक (शेषणिक), डॉ. पल्लब चौधरी, संयुक्त निदेशक (बेंगलुरु),मुक्तेश्वर और बेंगलुरु परिसरों के प्रभारी, आईवीआरआई के प्रभाग के प्रमुख, वैज्ञानिक और छात्रों के साथ-साथ विभिन्‍न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का समन्वयन डॉ. संगरत्ना बहिरे एवं डॉ. अखिलेश कुमार ने किया। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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