आईवीआरआई में जूनोटिक रोगो में तेजी एवं निदान एवं परख विषय पर चल रही कार्यशाला का समापन
बरेली 15 जुलाई। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के पशुजन स्वास्थ्य विभाग में डीएसटी एसईआरबी प्रायोजित उच्च-स्तरीय विशेष रूप से जूनोटिक रोगों में तेजी एवं निदान एवं परख विषय पर चल रही कार्यशाला का समापन हो गया । दस दिवसीय इस कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों से 20 परास्नातक और डाक्टरेट डिग्री छात्रों ने भाग लिए जो देश के 12 राज्यों में पशु चिकित्सा के 13 महाविद्यालयों से आए हैं । इस अवसर पर संस्थान निदेशक द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए ।
मुख्य अतिथि एवं संस्थान के निदेशक डॉ त्रिवेणी दत्त ने कहा कि आज हमें आवश्यकता है की हम पशु रोगों की उभरती हुयी बीमारियों पर निगरानी रखें इसके साथ ही साथ इन रोगों के निदान के लिए आधुनिक विधियों को अपनाएँ, इसके लिए सरकार बहुत से काम कर रही है, बहुत सी परियोजनाएँ चलायी जा रही हैं संस्थान में भी “वन हैल्थ” परियोजना चल रही है । इसके अतिरिक्त बहुत से राष्ट्रीय कार्यक्रम भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा चलाये जा रहे हैं। डॉ. दत्त ने कहा कि पशु जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित कि गयी है जिसमें पशुओं के उभरते हुए रोगों के बारे में जानकारी प्रदान कि गयी है । उन्होने नई शिक्षा नीति के बारे में बताते हुए कहा कि संस्थान नई शिक्षा नीति द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों का पालन कर रहा है तथा संस्थान को मेगा यूनिवर्सिटी बनाने का प्रयास कर रहा है । डॉ दत्त ने आगे बताया कि संस्थान द्वारा स्टेक होल्डर, उधमियों के लिए अनेक डिप्लोमा कार्यक्रम चलये जा रहे हैं इसके अतिरिक्त वोकेनशल ट्रेनिंग भी प्रदान कि जा रही है ।
कार्यशाला के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. हिमानी धांजे द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया एवं कार्यशाला की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस कार्यशाला में विभिन्न प्रकार के विषयों को कवर किया गया तथा बुनियादी आणविक और सीरोलॉजिकल से शुरू होने वाली नैदानिक तकनीकों पर व्यावहारिक जानकारी के साथ-साथ पीसीआर और बायोसेंसर सहित उन्नत तक पीसीआर और एलिसा जैसी तकनीकों के बारे में भी बताया गया तथा प्रशिक्षण व व्याख्यान के साथ साथ प्रयोगात्मक भी कराये गए ताकि प्रंशिक्षु स्वय अपने हाथों से परीक्षण कर सके। इस अवसर पर पशुजन स्वास्थ्य विभाग के डा. आर एस राठोर ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए ।
कार्यशाला का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. सुमन कुमार द्वारा दिया गया। इस अवसर पर डा. डी.के सिन्हा, डा. रविकान्त अग्रवाल, डॉ. सोहनी डे, डा. जेड. बी. दुब्बल, डा. बबलू कुमार, डा. अभिषेक आदि उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट