उत्तर प्रदेश

आईवीआरआई में नवीन फीड संसाधन विषय पर आयोजित 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

 


बरेली , 21 फरवरी । भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के पशु पोषण विभाग में ”पशुधन उत्पादन, स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाने के लिए नवीन फीड संसाधन विषय पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का कल समापन हो गया । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, आन्ध प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश के 22 वैज्ञानिक एवं प्राध्यापकों ने भाग लिया।
समापन अवसर पर मुख्य अतिथि तथा संस्थान के संयुक्त निदेशक कैडराड, डा. के. पी. सिंह ने कहा कि संस्थान के वर्तमान समय में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम की बहुत उपयोगिता है। पशुओं के चारे हेतु भूमि कम होती जा रही है जिससे पशुउत्पादकता तथा प्रजनन में प्रभाव देखने को मिला है। आज हमारे सामने चुनौती है कि किस प्रकार हम पशुओं के चारे की समस्या का निदान कर सकते हैं। डॉ सिंह ने कहा की पशुओं के लिए उचित पोषण आज हमारी आवश्यकता है तथा इसके लिए हमें विकल्प तलाशने होंगे तथा इस दिशा में संस्थान का पशु पोषण विभाग महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है ।
संस्थान के संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डा. एस.के. मेंदीरत्ता ने इस अवसर पर कहा कि 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों द्वारा दिये गए फीड बेक से पता चलता है कि पशु पोषण विभाग आपकी उम्मीदों पर खरा उतरा है तथा यहाँ से जो भी आपने ज्ञान अर्जित किया है उसका प्रयोग आप अपने अपने क्षेत्रों में करेंगे तथा इस ज्ञान का प्रसार अपने सहयोगियों के साथ भी साझा करेंगे । उन्होने संस्थान के साथ परस्पर अनुबंध का भी सुझाव प्रस्तुत किया । उन्होंने सुझाव दिया कि व्याख्यानों में सभी विभागों के छात्रों को शामिल किया जाये जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि हो सके।
पशु पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष तथा निदेशक काफ्ट डॉ एल सी चौधरी ने पशु पोषण के महत्व तथा वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए वैकल्पिक खाद्यों को तलाशने पर ज़ोर दिया ।
पाठ्यक्रम निदेशक डा. एस.के. साहा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम कि प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए कहा कि उचित पोषण न मिलने से पशुओं के बीमार होने, उत्पादकता तथा प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है । इसके लिए उन्होने वैकल्पिक खाद्यान्न जैसे फल एवं सब्जी के अवशेष, अपराम्परिक आहार को ज्यादा से ज्यादा दाने के साथ मिश्रण करना चाहिए इससे दाने के मूल्य में कमी आएगी । डॉ साहा ने आगे बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को 47 व्याख्यान तथा 10 प्रैक्टिकल कराये गए इसके अतिरिक्त संस्थान के मुक्तेश्वर परिशर तथा गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्व विद्यालय, पंतनगर का भ्रमण कराया तथा व्याख्यान दिया गया ।

कार्यक्रम का संचालन पशु पोषण विभाग की वैज्ञानिक डा. अंजू काला द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डा. एस.के. डॉ साहा द्वारा किया गया। इस अवसर पर पाठ्यक्रम समन्वयक डा. ए.के. वर्मा, डा. असित दास, डा. विश्वबन्धु चतुर्वेदी, डा. नारायण दत, डा. सुनील जाधव, डा. ज्ञानेन्द्र सिंह सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक तथा छात्र उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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