उत्तर प्रदेश

आर.जी.आई.पी.टी. का सप्तम् दीक्षांत समारोह संपन्न

राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी), जायस, अमेठी का सातवाँ दीक्षांत समारोह आज 17 नवंबर 2023 को आयोजित किया गया। इस अवसर पर अकादमिक वर्ष 2023 में उत्तीर्ण हुए कुल 193 छात्र-छात्राओं को उपाधि एवं मेडल प्रदान किये गये, जिनमें से 155 छात्र आर.जी.आई.पी.टी. जायस मुख्य कैम्पस से एवं शेष 38 छात्र इसके ऊर्जा संस्थान, बंगलुरु केन्द्र से उत्तीर्ण हुए हैं। 7वें दीक्षांत समारोह के दौरान उपाधि प्राप्त करने वालों में पीएच.डी के 10, एम.बी.ए. के 18, एम.टेक. पेट्रोलियम आभियांत्रिकी एवं भूअभियांत्रिकी के 06, विद्युत वाहन प्रौद्योगिकी के 14, ऊर्जा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के 07, शक्ति एवं ऊर्जा प्रणाली अभियाांत्रिकी के 06, नवीकरणीय ऊर्जा के 11, बी.टेक. रासायनिक अभियांत्रिकी एवं जैव-रासायनिक अभियांत्रिकी के 62 एवं बी.टेक. पेट्रोलियम आभियांत्रिकी एवं भूअभियांत्रिकी के 59 छात्र-छात्राएँ थे।

इस अवसर पर अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को राष्ट्रपति पदक, निदेशक पदक एवं सात संस्थान पदकों से भी सम्मानित किया जाएगा, जो निम्नवत् है-

(क) राष्ट्रपति स्वर्ण पदक (बी. टेक 2023 के समस्त पाठ्यक्रमों में अकादमिक उत्कृष्टता)- श्री चिराग जैन
(ख) निदेशक स्वर्ण पदक (बी. टेक 2023 के समस्त पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट सर्वांगीण प्रदर्शन)- श्री गौरव भाटिया
(ग) संस्थान स्वर्ण पदक-
1. बी. टेक – रासायनिक अभियांत्रिकी परीक्षा 2023 में प्रथम- श्री अभिजीत आनंद
2. बी. टेक – पेट्रोलियम अभियांत्रिकी परीक्षा 2023 में प्रथम- श्री रामेन्द्र पाण्डेय
3. एम. टेक – नवीकरणीय ऊर्जा परीक्षा 2023 में प्रथम- श्री प्रत्युष आनंद
4. एम. टेक – ऊर्जा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परीक्षा 2023 में प्रथम- श्री मानस ज्योति डेका
5. एम. टेक – विद्युत वाहन प्रौद्योगिकी परीक्षा 2023 में प्रथम- श्री निलेश गुप्ता
6. एम. टेक – शक्ति एवं ऊर्जा प्रणाली परीक्षा 2022 में प्रथम- सुश्री स्वाती जैन
7. व्यवसाय प्रशासन परास्नातक परीक्षा 2023 में प्रथम- श्री मोहम्मद फहद मसूद खान

अकादमिक वर्ष 2023 में उत्तीर्ण हुए कुल 193 छात्रों में 19 छात्राएँ हैं। इसके अलावे, इस बैच में अनुसूचित जाति वर्ग के 25 एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग 06 छात्र उर्त्तीर्ण हुए हैं। कल आयोजित हो रहे दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश के 41 छात्र-छात्राएँ भी अपना उपाधि प्राप्त करेंगे जबकि शेष देश के अलग-अलग राज्यों के छात्र हैं। इस बैच में रायबरेली के रहने वाले 01 छात्र भी उत्तीर्ण हुए हैं।
इस अवसर पर पद्म विभूषण आचार्य मनमोहन शर्मा मुख्य अतिथि एवं आई.आई.टी. दिल्ली के सेवानिवृत आचार्य डॉ. के. डी. पी. निगम विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संस्थान के निदेशक एवं संचालक मण्डल के कार्यकारी अध्यक्ष आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा संस्थान का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पद्म विभूषण आचार्य मनमोहन शर्मा, विशिष्ट अतिथि डॉ. के. डी. पी. निगम, संस्थान के निदेशक एवं संचालक मण्डल के कार्यवाहक अध्यक्ष आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा, अधिष्ठाता-शैक्षणिक मामले आचार्य चंचल कुण्डु एवं कुलसचिव श्री जितेन्द्र प्रसाद द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया। सरस्वती वन्दना के उपरान्त कार्यवाहक अध्यक्ष- संचालक मण्डल आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा ने दीक्षान्त समारोह आरंभ की घोषणा की।

संस्थान के निदेशक आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा ने संस्थान का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संस्थान की उपलब्धियों और प्रगति का उल्लेख किया तथा छात्रों में रचनात्मकता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन और इनोवेशन सेंटर की स्थापना; अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के लिए किये जा रहे नवीन समझौतों; प्रबंधकीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन; संस्थान व्याख्यान श्रृंखला; स्कूली छात्रों आदि के लिए ज्ञानार्पण जैसी सामाजिक उत्थान की परियोजनाओं के बारे में अवगत कराया।

मुख्य अतिथि पद्म विभूषण आचार्य मनमोहन शर्मा ने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों तथा अध्यापकों को शुभकामनायें देते हुए राष्ट्र को नई दिशा देने के लिए प्रेरित किया तथा देश एवं समाज के हित में कार्य करने की सीख दी। साथ ही, उन्होंने पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में हो रहे निरन्तर विकास से छात्रों को अवगत कराया और प्रेरित किया कि प्रौद्योगिकी में नित नये विकास हो रहे हैं और अभियांत्रिकी में अग्रणी रहने के लिए प्रतिदिन अपने ज्ञान में बढ़ोत्तरी करना अनिवार्य है।

विशिष्ट अतिथि आचार्य के. डी. पी. निगम ने छात्रों को अग्रणी रहने के तीन सूत्रों “जुनून, धैर्य एवं दृढ़ निश्चय (PPD-Passion, Patience, Determination)” का पालन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होनें छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा असीमित हो गयी है और छात्रों को उसका लाभ उठाते हुए निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिए और अपनी मातृभूमि भारत के विकास में अपना योगदान देना चाहिए जिससे देश में व्याप्त गरीबी और भेदभाव को दूर किया जा सके। आचार्य निगम ने छात्रों को उत्साहित करते हुए कहा कि पहले तकनीक पश्चिमी देशों से पूर्व की तरफ आती थी परन्तु आज भारत में तकनीकी विकसित होती है जिसका प्रयोग पश्चिमी देश करते हैं और छात्रों का ये दायित्व है कि वे इस परिपेक्ष्य को और आगे बढ़ाते हुए अपने देश में उन्नत तकनीकी विकास का मार्ग बनाये।
दीक्षांत समारोह के दौरान संस्थान ने अपना प्रथम Young Alumni Achievement Award श्री सानिध्य नारायण रसायनिक अभियांत्रकी 2012 बैच में उत्तीर्ण पूर्व छात्र को प्रदान किया । उन्हें ये पुरुस्कार उनके द्वारा व्यावसायिक क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों एवं देश में संस्थान का नाम रोशन करने के फलस्वरूप दिया गया।

राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी) की स्थापना 2008 में संसद के अधिनियम के अधीन राष्ट्रीय महत्व के एक संस्थान के रूप में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई। वर्तमान में, आरजीआईपीटी पेट्रोलियम, केमिकल, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, गणितीय विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा के स्नातक तथा परास्नातक, एम.बी.ए. एवं डॉक्टरेट स्तरों पर पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहा है। इस अवसर पर ऊर्जा क्षेत्र के शीर्षस्थ अधिकारी, शिक्षाविद् तथा संस्थान के छात्र-छात्राएं, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, आचार्य, कुलसचिव एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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