आसान नहीं है ऋषि सुनक के लिए ब्रिटेन का पीएम बनना, ये महिला नेता दे रही कड़ी टक्कर

 


लंदन: ब्रिटेन में 5 सितंबर को कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता और प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा. कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व के लिए होने वाले चुनाव के लिए बनी 1922 कमेटी ऑफ कंजर्वेटिव बैकबेंच के सांसदों ने चुनाव के लिए टाइम टेबल तय कर दिया है. मंगलवार से कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता के लिए होने वाले चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

ब्रिटेन में पीएम की रेस में भले ही ऋषि सुनक (Rishi Sunak) का नाम सबसे आगे है, लेकिन उनके लिए राहें आसान नहीं हैं. दरअसल, ऋषि सुनक को व्यापार मंत्री पेनी मोर्डेंट ( Penny Mordaunt) से कड़ी टक्कर मिलती नजर आ रही है. इतना ही नहीं पेनी मोर्डेंट ही ऋषि सुनक के बाद ऐसी दूसरी उम्मीदवार हैं, जिनके पास 20 से ज्यादा सांसदों का समर्थन हैं.

वैसे तो ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के लिए 11 उम्मीदवार हैं. लेकिन नंबर गेम की बात करें, तो ऋषि सुनक और पेनी मोर्डेंट ऐसे दो उम्मीदवार हैं, जिन्हें 20 सांसदों का समर्थन मिलता नजर आ रहा है. ऋषि सुनक करीब 40 सांसदों के समर्थन से इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. जल्द समर्थन पाने के लिए ‘रेडी फॉर ऋषि’ अभियान की शुरुआत भी हो चुकी है. दरअसल, कई वोट ऐसे हैं, जो पाला बदल सकते हैं. ऐसे में सभी उम्मीदवार जल्द से जल्द वोटरों को अपने पक्ष में लाने के लिए जुटे हैं.

सांसदों के समर्थन के मामले में भले ही ऋषि सुनक आगे माने जा रहे हैं, लेकिन सट्टेबाजों की नजर में पेनी मोर्डेंट ऋषि सुनक पर बढ़त बनाती नजर आ रही हैं. इतना ही नहीं एक ब्रिटिश अखबार द्वारा कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं के सर्वे में भी पेनी मोर्डेंट सबसे आगे हैं. उन्हें 19.6% लोगों का समर्थन मिलता दिख रहा है. जबकि केमी बडेनॉच 18.7% के साथ दूसरे और ऋषि सुनक 12.1% के साथ तीसरे नंबर पर हैं.

दरअसल, कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का चुनाव दो चरणों में संपन्न होगा. पहले कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद मतदान के चरणों के बाद आखिर में दो उम्मीदवारों का चयन करेंगे. इसके बाद कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य अपने नेता का चुनाव करेंगे. ऐसे में कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ता भी इस चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं.

कौन हैं पेनी मोर्डेंट?
49 साल की पेनी मोर्डेंट अपने गृह क्षेत्र पोर्ट्समाउथ से सांसद हैं. उन्होंने सबसे पहले 2005 में चुनाव लड़ा था. लेकिन लेबर पार्टी के सामने हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद वे 2010 में दोबारा चुनाव मैदान में उतरीं और जीत हासिल की. उन्होंने इस चुनाव को 7000 से ज्यादा वोट से जीता. सांसद बनने से पहले पेनी मोर्डेंट कंजर्वेटिव पार्टी की एक्टिव सदस्य थीं.

1995 में ग्रेजुएशन करने के बाद वे कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से हेड ऑफ यूथ भी रहीं. इसके बाद वे टोरी पार्टी की ब्रॉडकास्टिंग हेड भी बनाई गईं. इसके बाद वे पार्टी में कई अहम पदों पर भी रहीं. मौजूदा समय में पेनी मोर्डेंट इंटरनेशनल ट्रेड मिनिस्टर हैं. हालांकि, वे उन मंत्रियों में शामिल नहीं है, जिन्होंने हाल ही में इस्तीफे दिए थे. इससे पहले उनके पास कैबिनेट में दो अहम जिम्मेदारियां थीं. वे 2019 में पहली महिला डिफेंस सचिव बन थीं.

बोरिस जॉनसन के पीएम रहते घटा कद
लेकिन बोरिस जॉनसन के पीएम बनने के बाद पेनी मोर्डेंट का कद कम हुआ था. माना जाता है कि उन्होंने उस समय कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के लिए हुए चुनाव में बोरिस जॉनसन के प्रतिद्वंदी जेरेमी हंट का समर्थन किया था. डेविड कैमरन की सरकार में भी उन्होंने 2014 और 2016 के बीच मंत्री पद संभाला और 2016 में थेरेसा मे के सत्ता में आने पर उन्हें विकलांग लोगों के लिए मंत्री नियुक्त किया गया था.

पेनी मोर्डेंट एक रॉयल नेवी रिजर्विस्ट हैं. उनके पिता, जॉन, पैराट्रूपर थे और उन्होंने 2010 में पोर्ट्समाउथ स्थित एचएमएस किंग अल्फ्रेड के उप-लेफ्टिनेंट के रूप में कार्य किया. उन्हें 2019 में मानद कमांडर और जून 2021 में मानद कैप्टन नियुक्त किया गया था.

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