एनटीपीसी रिहंद में “बालिका सशक्तिकरण अभियान – 2024”, स्वास्थ्य परीक्षण का आयोजन

सोनभद्र,एनटीपीसी रिहंद में गुरुवार को बालिका सशक्तिकरण अभियान – 2024 का आयोजन किया गया, जिसमें आस-पास के सरकारी विद्यालयों की चयनित 120 बच्चियों को एनटीपीसी रिहंद परिसर स्थित धन्वन्तरी चिकित्सालय में लाया गया तथा बच्चियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। कोविड-19 परिस्थियों के कारण 02 वर्ष के ठहराव के पश्चात 2022 में इस कार्यक्रम को पुनः आयोजित किया गया था। और हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सभी अभिभावकों को बालिका सशक्तिकरण अभियान का बेसबरी से इंतजार था, और इसी क्रम में इस वर्ष भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
आपको बता दें एनटीपीसी ने वर्ष 2018 में बालिका सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत बालिकाओं के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए एक माह के आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था। इसके तहत एनटीपीसी नैगम सामाजिक दायित्व के माध्यम से वीएसआर ( विंध्याचल, सिंगरौली, रिहंद) की परियोजनाओं में बालिका सशक्तिकरण अभियान को पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया। इससे प्रोत्साहित होकर 2019 में नैगम सामाजिक दायित्व के तहत एनटीपीसी की सभी परियोजनाओं/स्टेशनों में इस कार्यक्रम को भारी उत्साह के साथ आयोजित करवाया गया जिसमें हजारों की संख्या में छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु विभिन्न प्रशिक्षण दी गई।
इसी शृंखला में एनटीपीसी रिहंद में भी हर वर्ष बालिका सशक्तिकरण अभियान का आयोजन किया जाता है। बालिका सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत बच्चियों को केवल शिक्षा ही नही बल्कि उनके सम्पूर्ण विकास के लिए सभी उपयोगी प्रशिक्षण जैसे व्यक्तित्व विकास, संचार कौशल, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाता है । इसके अलावा अन्य दैनिक जीवन उपयोगी प्रशिक्षण जैसे- योगा, खेल-कूद, गुड टच एवं बैड टच आदि का ज्ञान प्रदान करते हुये उन्हे जीवन के हर परिस्थिति में जीवन जीने की कला को भी सिखाने का प्रयास किया जाता है ।
एनटीपीसी रिहंद केवल बालिका सशक्तिकरण अभियान तक ही सीमित नही है बल्कि बच्चियों के मूल्यांकन के परिणाम एवं शिक्षा के प्रति रुचि को ध्यान में रखते हुये श्रेष्ठ 10 बच्चियों को परियोजना के डीएवी स्कूल में प्रवेश दिलाकर उनकी अन्य आवश्यकताओं की भी पूर्ति की जा रही है । एनटीपीसी रिहंद को पूर्ण विश्वास है की इन कार्यक्रमों के माध्यम से इन बच्चियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा और ये बच्चियाँ शिविर में प्राप्त प्रशिक्षण द्वारा जीवन में नित नए आयाम हासिल करेंगी और अपने आस-पास की बालिकाओं को भी उनके जीवन में आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करेंगी।

रवीन्द्र केसरी सोनभद्र

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