एसआरएमएस मेडिकल कालेज में ओंकोफर्टिलिटी सीएमई में विशेषज्ञों ने साझा किए शोध
बरेली,11 मार्च । एसआरएमएस मेडिकल कालेज के सहयोग और फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन सोसाइटी की ओर से कल ओंकोफर्टिलिटी पर सीएमई आयोजित हुई। इसमें कैंसर जैसी बीमारी और इस दौरान प्रिजर्विंग फर्टिलिटी, एवेयरनेस टू एक्शन विषय पर देश के नामचीन विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। उद्घाटन सत्र में एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी ने करियर और देर से विवाह से बढ़ रही फर्टिलिटी की समस्या के प्रति जागरुकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होने कहा कि इस विषय से संबंधित भ्रांतियों को समाज से दूर करना आवश्यक है। तमाम कारणों से आज स्पर्म और ओवम को सुरक्षित रखना ज्यादा आवश्यक हो गया है। कैंसर जैसी बीमारी से निजात के बाद भी घर में संतान हो सकती है। इसके बारे में जानकारी देना जरूरी है।
सरस्वती वंदना और संस्थान गीत के बाद आरंभ हुए सीएमई के उद्घाटन सत्र में देव मूर्ति जी ने कहा कि आज बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इन बीमारियों के साथ साथ फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं लेकिन इससे भी ज्यादा इससे जुड़ी हुई भ्रांतियां लोगों के मन में हैं। इन्हें दूर करना आवश्यक है। फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन सोसाइटी आफ इंडिया की प्रेसिडेंट डा.माधुरी पाटिल ने फर्टिलिटी सोसायटी की जानकारी दी। फर्टिलिटी संबंधी दिक्कतों पर काम करने वाली संस्था के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सीएमई से इस विषय पर जानकारी साझा करना सभी के लिए लाभप्रद रहा है। इससे पहले आर्गनाइजिंग चेयरपर्सन और गायनेकोलाजी विभागाध्यक्ष डा.शशि बाला आर्य ने सभी का स्वागत किया और कार्यक्रम संबंधी जानकारी दी। आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.रुचिका गोयल ने सभी का आभार जताया और धन्यवाद ज्ञापित किया।
सीएमई के उद्घाटन सत्र से पहले दो सत्र और बाद में सत्र आयोजित हुए। सुबह नौ बजे बेसिक आफ ओंकोफर्टिलिटी विषय पर व्याख्यान से सीएमई आरंभ हुई। इसमें डा.गौरी देवी खंडेलवाल ने फर्टिलिटी प्रजर्वेशन पर व्याख्यान दिया। डा.माधुरी पाटिल ने कैंसर जैसी बीमारी के दौरान मरीजों की फर्टिलिटी को सुरक्षित रखने के लिए प्रयोग में लाई जा रही तकनीकों की जानकारी दी। कैंसर विशेषज्ञ डा.पियूष कुमार ने ओंकोलाजिकल ट्रीटमेंट के दौरान मरीज की फर्टिलिटी सुरक्षित रखने पर व्याख्यान दिया। इस सत्र की अध्यक्षता डा. (ब्रिगेडियर) वंदना नेगी और डा.फहमी खान ने की। दूसरे सत्र में हेल्थकेयर से संबद्ध लोगों को जागरुक कर फर्टिलिटी सुरक्षित रखने पर पैनल डिस्कसन हुआ। पैनल में डा.संध्या चौहान, डा.आयुष गर्ग, डा.सिद्धांत सिंह, डा.श्रुति शर्मा, डा.श्रद्धा महेश्वरी, डा.अदादि श्रिनिवास नायडू, डा.मेघा गुप्ता ने हिस्सा लिया। इसका संचालन डा. (कर्नल) पंकज तलवार और सह संचालन डा.रुचिका गोयल ने किया। इस सत्र की अध्यक्षता डा.लतिका अग्रवाल और डा.मीरा वैश्य ने की। प्रिजर्विंग होप (उम्मीदों का संरक्षण) विषय पर तीसरे सत्र हुआ। जिसमें डा.मनोज तांगड़ी ने सर्वाइकल और ओवेरियन कैंसर के बारे में प्रमुखता से जानकारी दी। उन्होंने इसकी स्टेज और सर्जरी पर जानकारी देने के साथ ही हार्मोनल और बगैर हार्मोलन ट्रीटमेंट के बारे में भी बताया। डा.स्वाति वर्मा ने कैंसर के उपचार के बाद प्रेग्नेंसी पर व्याख्यान दिया। इस सत्र की अध्यक्षता डा.प्रगति अग्रवाल और डा.स्मिता गुप्ता ने की। चौथा सत्र भी पैनल डिस्कसन का हुआ। इसमें डा.नलिनी कौल महाजन ने विभिन्न उदाहरणों से ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन ट्यूमर के दौरान फर्टिलिट प्रिजर्वेशन पर व्याख्यान दिया। इसमें डा.शोभा मुखर्जी, डा.अनिल नेगी, डा.शुभांशु गुप्ता, डा.पवन कुमार, डा.मृदु सिन्हा, डा.अदादि श्रीनिवास नायडू और डा.शबीना खान पैनलिस्ट के रूप में शामिल हुईँ। इस मौके पर एसआरएमएस मेडिकल कालेज के डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति, फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन सोसाइटी आफ इंडिया की संस्थापक अध्यक्ष डा.निलिनी कौल महाजन, प्रिंसिपल एयरमार्शल (सेवानिवृत्त) डा. एमएस बुटोला, डा.रोहित शर्मा, डा.ललित सिंह, डा.शशांक शाह, डा.शालिनी महेश्वरी, डा.संजय गुप्ता, रुहेलखंड मेडिकल कालेज, वरुण अर्जुन मेडिकल कालेज, राजश्री मेडिकल कालेज, तीर्थांकर मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट