गरीबों, सेना के पेंशनरों को पीएम मोदी का नए साल का तोहफा, 2024 के इलेक्शन से पहले…
नई दिल्ली. सेना से रिटायर होकर पेंशन पाने वालों और देश के गरीबों को नए साल की शुरुआत में तोहफा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को दो बड़े फैसले लिए हैं. वन रैंक वन पेंशन-ओआरओपी योजना में सुधार किया गया है और अब अगले एक साल तक गरीबों को सब्सिडी वाला अनाज मुफ्त दिया जाएगा. पहले फैसले पर सरकार के करीब 31,000 करोड़ रुपये और दूसरे फैसले पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. मुफ्त खाद्यान्न योजना को एक साल और बढ़ाना सरकार का एक बड़ा गरीब-समर्थक कदम है.
ये 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भाजपा का बड़ा तुरुप का पत्ता साबित हो सकता है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून-एनएफएसए के तहत अब 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज मिलेगा और इसके लिए एक रुपया भी नहीं देना होगा. केंद्र सरकार इस योजना पर हर साल लगभग 2 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह एनएफएसए के साथ पीएम अन्न योजना को मिलाने देने के बाद की रकम है. सरकार दिसंबर 2023 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त अनाज देगी, जिसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी.
अब तक एनएफएसए के तहत गरीबों को सब्सिडी वाला अनाज दिया जाता था और इसके अलावा कोविड महामारी के दौरान पीएम अन्न योजना के तहत पिछले ढाई साल से गरीबों को मुफ्त में खाद्यान्न दिया जाता था. सरकार ने कहा कि पीएम अन्न योजना के तहत दिए जाने वाले अतिरिक्त खाद्यान्न की अब जरूरत नहीं है. जबकि प्रधानमंत्री के गरीब समर्थक कदम के हिस्से के रूप में एनएफएसए के तहत उन्हें अगले साल मुफ्त में खाद्यान्न मिलेगा. गौरतलब है कि पीएम अन्न योजना 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त हो रही थी.
इसके साथ ही सरकार ने 1 जुलाई, 2019 से वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत सशस्त्र बलों के पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के लिए पेंशन के संशोधन को भी मंजूरी दे दी है. सरकार के 8,450 करोड़ रुपये के अतिरिक्त सालाना खर्च उठाने पर 25.13 लाख से अधिक सेवानिवृत्त कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा. इसके अलावा, जुलाई 2019 से जून 2022 तक के बकाया 23,638 करोड़ रुपये का चार छमाही किश्तों में भुगतान किया जाएगा. जबकि सरकार ने कहा कि विशेष/उदारीकृत परिवार पेंशन और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी पारिवारिक पेंशनरों को एक किश्त में बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा.
सरकार ने कहा कि पिछले पेंशनरों की पेंशन 2018 के रक्षा बलों के न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर समान सेवा के साथ समान रैंक के आधार पर फिर से तय की जाएगी. 30 जून, 2019 तक रिटायर सशस्त्र बलों के कर्मी इस संशोधन के अंतर्गत आएंगे. 25.13 लाख से अधिक (4.52 लाख से अधिक नए लाभार्थियों सहित) सशस्त्र बलों के पेंशनभोगी और पारिवारिक पेंशनभोगियों को इससे लाभ मिलेगा. औसत से ऊपर पेंशन हासिल करने वालों के लिए पेंशन संरक्षित की जाएगी. यह लाभ युद्ध विधवाओं और विकलांग पेंशनरों सहित पारिवारिक पेंशनरों को भी दिया जाएगा. मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2014 से ओआरओपी को 2015 में लागू किया था और वादा किया था कि पेंशन हर पांच साल में फिर से तय की जाएगी. इस योजना पर अब तक लगभग 57,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.