गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना कितना सामान्य? जानें गर्भवती की सेहत से जुड़ी अहम बातें
नई दिल्ली. किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था बहुत ही नाजुक और अहम समय होता है। एक गर्भवती महिला के अंदर शिशु पल रहा होता है, जो नौ महीने बाद दुनिया में आता है। गर्भावस्था के दौरान हर महिला के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। गर्भावस्था में महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं। इन बदलावों में एक गर्भवती का बढ़ता वजन भी होता है। गर्भवती का वजन बढ़ना सामान्य बात है लेकिन एक सवाल जो हर महिला के मन में रहता है कि कितना वजन बढ़ना सही रहेगा? क्या गर्भावस्था में अधिक वजन बढ़ने के कारण प्रसव के दौरान परेशानी हो सकती है? पहली बार मां बनने जा रही महिलाएं वजन बढ़ने से चिंतित हो जाती हैं और अपनी डाइट पर नियंत्रण करने लगती हैं। हालांकि बिना सोचे समझें डाइट या व्यायाम के जरिए वजन कम करने का प्रयास गर्भवती के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए सबसे पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि एक गर्भवती महिला के लिए वजन बढ़ना कितना सामान्य है? क्या वजन बढ़ने से प्रसव के दौरान समस्या हो सकती है?
गर्भवस्था में महिला का वजन बढ़ने का एक कारण होता है कि माता के शरीर में बच्चे का वजन भी शामिल हो जाता है। अगर जुड़वा बच्चे हैं तो 15 से 20 किलो तक वजन बढ़ना सामान्य है। इसके अलावा गर्भवती महिला के स्तन के आकार में वृद्धि होने, नाल के आकार में बढ़ोतरी, गर्भाशय के आकार में वृद्धि होने और शरीर में अतिरिक्त रक्त व तरल पदार्थ बनने के कारण भी वजन बढ़ने लगता है। गर्भवस्था के पहले तीन महीनों में महिला का सामान्य वजन होता है, लेकिन बाद में हर सप्ताह पौना या 1 किलो तक वजन बढ़ सकता है।
एक गर्भवती महिला में सामान्य: वजन 12 से 16 किलो तक बढ़ सकता है। जिन महिलाओं का वजन गर्भावस्था से पहले ही बढ़ा होता है, उनका प्रेग्नेंसी के दौरान लगभग 16 किलो तक वजन बढ़ सकता है। वहीं स्वस्थ महिलाओं का वजन लगभग 12 किलो तक बढ़ने की संभावना होती है। गर्भवती का अगर सामान्य से ज्यादा वजन बढ़ने लगता है, तो माता और शिशु के लिए कुछ जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। अधिक वजन बढ़ने से गर्भवती को सी सेक्शन, प्रेगनेंसी के दौरान मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत और मैक्रोसोमिया की समस्या हो सकती है। इसके अलावा अधिक वजन वाली माताओं के बच्चे का भविष्य में मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्या होने की संभावनी हो सकती है।