ग़रीबी में भी नहीं मानी हार,लाख कठिनाइयों का सामना करते हुए टैक्सी ड्राइवर का बेटा बना IAS,जानिए इस अफसर की कहानी

जब इंसान कुछ करने की ठान लेता है तो चाहे कोई मजबूरी उसके सामने आ जाए वह अपनी मंजिल पाकर ही दम लेता है. जिंदगी में सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, अगर मंजिल तक पहुंचना है तो कड़ी मेहनत करना ही पड़ता है. भारत में हर साल लाखों बच्चे यूपीएससी की तैयारी करते हैं और कई हार मान के घर बैठ जाते हैं लेकिन कई बच्चे ऐसे होते हैं जो तब तक लड़ते हैं जब तक सफल नहीं हो जाते. आपको बताने जा रहे हैं कि ऐसे शख्स की कहानी जिसने जिंदगी के कठिनाइयों से लड़ते हुए अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा कर दिखाया.

महाराष्ट्र के विदर्भ प्रक्षेत्र के यवतमाल में रहने वाले अजहरुद्दीन काज़ी ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने गरीब पिता का मान बढ़ाया।

अजहरुद्दीन काजी के पिता जहीरूद्दीन काजी एक टैक्सी ड्राइवर थे. टैक्सी चलाने के बाद होने वाली कमाई से वह अपने परिवार का पेट पहला करते थे. अजहरुद्दीन के पिताजी टैक्सी चलाकर अजहरुद्दीन और उनकी मां साथ साथ चार भाइयों का ख्याल रखते थे. आपको बता दें कि अजहरुद्दीन की मां पढ़ने में बहुत शौक रखते थे लेकिन कम उम्र में शादी हो जाने के कारण वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पाई. लेकिन जब अजहरुद्दीन की मां ने अपने सपने को पूरा नहीं किया तो उन्होंने ठान लिया कि वह अपने बच्चों को काबिल बना कर ही रहेंगी.उनके घर में पैसों की कमी तो बहुत ज्यादा थी लेकिन उनके दिल में एक ख्वाहिश थी कि वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर काबिल जरूर बनाएंगी.

उन्होंने अपने चारों बच्चों को दसवीं कक्षा तक पढ़ाया लेकिन उनके पास ना तो कोचिंग क्लास के लिए पैसे थे ना ही अच्छी शिक्षा देने के लिए. अजहरुद्दीन ने जैसे तैसे 12वीं की उसके बाद कॉमर्स विषय से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. पूरा होने के बाद अजहरुद्दीन ने एक प्राइवेट नौकरी करना शुरू किया. 2012 में अजहरुद्दीन के मन में ख्याल आया कि मुझे IAS की तैयारी करनी चाहिए और यह सोचकर उन्होंने आईएस की तैयारी करना शुरू कर दी.

लेकिन आईएएस की तैयारी करने के लिए अजहरुद्दीन के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह कोई कोचिंग ज्वाइन कर सके. जैसे तैसे उन्होंने दिल्ली जाने की टिकट कराई और ट्रेन में खड़े होकर ही दिल्ली का सफर तय किया. दिल्ली जाने के बाद उन्होंने एक फ्री कोचिंग के लिए फॉर्म भरा जहां आईएएस के लिए फ्री में कोचिंग कराई जाती थी. इस कोचिंग की परीक्षा में वह पास हो गए और वह फ्री में कोचिंग में अपनी आईएएस की तैयारी करने लगे.

अजहरुद्दीन ने कई बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी फिर उन्होंने लास्ट में बैंक पीओ का एग्जाम दिया जिनमें उनका सिलेक्शन हो गया. अजहरुद्दीन की नौकरी होने के बाद उनके घर की हालत में तू सुधार हो गई लेकिन उनके दिल और दिमाग में बस IAS ही था.

अजहरुद्दीन ब्रांच मैनेजर बने तब उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी और कोचिंग में जाकर आईएएस की तैयारी फिर से शुरू कर दी. अजहरुद्दीन ने फिर से आईएएस के एग्जाम दे लेकिन इस बार भी वह असफल ही रहे. 2019 वह समय था जब अजहरुद्दीन का मेहनत रंग लाया और उनका सिलेक्शन IAS में हो गया.

2020 में अजहरुद्दीन आईएएस ऑफिसर बन गए. कहते हैं जब इंसान दिल से कोशिश करें तो सफलता उनके कदम जरूर चुनती है.

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