जानिए कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, शुभ महूर्त और पूजा विधि!

नवरात्रि हिंदू धर्म में एक पवित्र त्योहार है नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। वैसे तो साल में चार बार चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में नवरात्रि आती है, लेकिन उनमें से केवल चैत्र और आश्विन माह की नवरात्रि ही बड़े स्तर पर मनाई जाती है। इस साल की चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से शुरू हो रही है और यह पर्व 11 अप्रैल 2022 तक मनाया जाएगा। आज हम इस पोस्ट में जानेंगे चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, तो चलिए जानते हैं:-

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा प्रारंभ तिथि: 1 अप्रैल 2022 को सुबह 11:54 बजे शुरू होगी।
प्रतिपदा समाप्ति तिथि: 2 अप्रैल, 2022 पूर्वाह्न 11:57 बजे
चैत्र घटस्थापना: शनिवार, 2 अप्रैल, 2022
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त : प्रातः 6:22 से सायं 8:31 तक।
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से 8 मिनट से दोपहर 12 बजे से 57 मिनट तक होगा।

कलश स्थापना विधि

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहनें। फिर मंदिर की साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़कें। इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें। मिट्टी के एक पात्र में जौ बो दें और इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में कलश की स्थापना से घर में सुख-समृद्धि आती है।

नवरात्रि में सबसे पहले कलश की पूजा की जाती है और फिर मां दुर्गा की पूजा शुरू होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु कलश के मुख पर निवास करते हैं और रुद्र अर्थात भगवान शिव कंठ में निवास करते हैं और ब्रह्माजी मूल रूप से निवास करते हैं। इसलिए कलश की पूजा करने से त्रिदेव की पूजा होती है।

पूजा विधि
माता की चौकी लगाने के लिए उत्तर-पूर्व में एक स्थान को साफ कर लें और गंगाजल से शुद्ध करें।
एक लकड़ी की चौकी बिछाकर उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर माता रानी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
अब सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें कलश स्थापित करने की विधि आरंभ करें।
नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधे।
कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, सुपारी हल्दी की गांठ, दूर्वा और रुपए का सिक्का डालें।
अब कलश में आम के पत्ते लगाकर उसपर नारियल रखें।
कलश को मां दुर्गा की प्रतिमा की दायीं ओर कलश को स्थापित करें।
दीपक प्रज्वलित करके पूजा आरंभ करें।
मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप
नवरात्रि के नौ दिनों तक हर रोज मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर स्वरूप की पूजा का अलग-अलग महत्व और तरीका है। जानें किस तिथि के दिन मां के किस स्वरूप की पूजा की जाएगी।

चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा – 02 अप्रैल 2022– मां शैलपुत्री की पूजा और घटस्थापना
दूसरा दिन – 03 अप्रैल 2022– मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
तीसरा दिन – 04 अप्रैल 2022– मां चंद्रघंटा की पूजा
चौथा दिन – 05 अप्रैल 2022– मां कुष्मांडा की पूजा
पांचवां दिन – 06 अप्रैल 2022– मां स्कंदमाता की पूजा
छठा दिन – 07 अप्रैल 2022– मां कात्यायनी की पूजा
सातवां दिन – 08 अप्रैल 2022– मां कालरात्रि की पूजा
आठवां दिन – 09 अप्रैल 2022– मां महागौरी की पूजा, दुर्गाष्टमी
नवां दिन – 10 अप्रैल 2022 – रामनवमी
दसवां दिन – 11 अप्रैल 2022, नवरात्रि व्रत का पारण

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