जिंदगी का रास्ता बताने वाले डॉक्टर ने की आत्महत्या, लिखा- नहीं बची कोई अंतिम इच्छा
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली है। सुसाइड करने से पहले डॉक्टर ने एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें लिखा है कि अब जिंदगी से मै तंग आ गया हूं मुझे अब जीने का मन नहीं है।
लोगों की जान बचाने वाले और जीने का रास्ता दिखाने वाले एक डॉक्टर ने आज आत्महत्या कर ली है। मामला छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का है जहां एक डॉक्टर ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया है। जिस कमरे में डॉक्टर ने सुसाइड किया है वहां एक सुसाइड नोट भी मिला है। इस सुसाइड नोट में डॉक्टर ने लिखा है कि मैं अपनी जिंदगी से तंग आ चुका हूं, मैं जीना नहीं चाहता, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है।
बतादें कि आत्महत्या करने वाले यह डॉक्टर का नाम अखिलेश विश्वकर्मा है। यह कुछ माह पहले थे छत्तीसगढ़ में बीएमओ के पद पर थे। बताया जा रहा है कि तीन माह पहले ही डॉक्टर अखिलेश विश्वकर्मा ने बीएमओ का प्रभार छोड़ दिया था। उनको जानने वाले यह भी बताते हैं कि वह काफी दिनों से किसी बात को लेकर परेशान थे। हांलाकि इस बात का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
बतादें कि डॉक्टर अखिलेश विश्वकर्मा वर्तमान में बीएमओ का पद छोड़ने के बाद वह वह प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे। बताया जा रहा है कि मंगलवार को ड्यूटी पूरी होने के बाद वह अपने घर गांव करंजवार पहुंचे थे। फिर देर शाम करीब 7.30 बजे उन्होंने अपने कमरे में फांसी लगा ली है। सबसे पहले उनके बेटे-बहू ने फांसी पर झूलता देख फंदे से नीचे उतारा, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। वहीं घटना की जानकारी के तुंरत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर घटना को आत्महत्या मान रही है। वहीं पुलिस अन्य पहलुओं पर जांच कर रही है।