दिल्ली-उत्तराखंड समेत कई राज्यों में चलेगी हीट वेव, बढ़ा रहेगा तापमान
Weather Update: राजस्थान समेत कई राज्यों में 4-5 जून को हीटवेट यानी अत्यधिक गर्मी की चेतावनी जारी की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, राजस्थान, जम्मू डिविजन, हिमाचल, उत्तराखंड, दक्षिण पंजाब और दक्षिण हरियाणा-दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में कल भी हीटवेव की स्थिति की संभावना है।
दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है। आईएमडी ने यह जानकारी दी। आईएमडी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में दिन में आसमान साफ रहने की संभावना है, जबकि कुछ स्थानों पर लू चल सकती है। आईएमडी ने कुछ इलाकों में लू चलने की चेतावनी देते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। विभाग ने कहा कि सफदरजंग वेधशाला में पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। शुक्रवार को वहां अधिकतम तापमान 42.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
मौसम की चेतावनी देने के लिए आईएमडी चार रंगों पर आधारित अलर्ट कोड का इस्तेमाल करता है, जिसमें हरा रंग (कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं), पीला रंग (नजर रखें और अपडेट रहें), नारंगी रंग (तैयार रहें) और लाल रंग (कार्रवाई करें) शामिल है। वहीं, मौसम विभाग ने उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के मैदानी क्षेत्र और पहाड़ के घाटी वाले इलाकों के लिए हीट वेव की चेतावनी जारी की है। 7 जून तक यह स्थिति बनी रह सकती है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबकि, अगले तीन से चार दिन प्रदेश के मैदानी जिलों में अनेक जगहों पर अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है।
गढ़वाल मंडल में घाटी वाले श्रीनगर, सतपुली, गौचर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, देवप्रयाग और चिन्यालीसौड़ आदि इलाके हीट वेव से प्रभावित रह सकते हैं। इसके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार, डोईवाला, देहरादून और रायवाला, हरिद्वार आदि मैदानी इलाकों में हीट वेव का ज्यादा असर रहेगा।
बता दें कि इस साल देश में मॉनसून समय से पहले पहुंचा। हालांकि, मॉनसून की शुरुआत धीमी रही। 1 जून से 3 जून के बीच देश में 35 फीसदी की कमी है। पूर्वोत्तर भारत में सिर्फ 7% की कमी है, जबकि दक्षिण प्रायद्वीप में 24% की कमी है। दक्षिण प्रायद्वीप के सभी मौसम विभाग के बीच केवल उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में 83% अधिक वर्षा हुई है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और रायलसीमा सामान्य बारिश की श्रेणी में हैं। बाकी सभी क्षेत्रों में या तो कमी है या भारी बारिश की कमी है।