नौ साल बाद रुपये की सबसे मजबूत ओपनिंग, जानें भारतीय मुद्रा के ‘अच्छे दिन’ का कारण?

नई दिल्ली. भारतीय रुपये में शुक्रवार को तेज उछाल आया है। रुपये में पिछले सत्रों में हुए नुकसान की रिकवरी हुई है। माना जा रहा है कि अमेरिका में महंगाई के आंकड़े उम्मीद से कम होने के कारण डॉलर में गिरावट आई है और इससे रुपये को मजबूती मिली। शुक्रवार की सुबह के सेशन में भारतीय रुपया 80.75 रुपये प्रति डॉलर की दर से कारोबार करता नजर आया।

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन रुपया 80.6888 के स्तर पर खुला, जबकि पिछले सत्र में यह 81.8112 अंकों के स्तर पर बंद हुआ था। शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले एक रुपये 10 पैसे की मजबूती के साथ खुला। रुपये में पिछले नौ वर्षों में यह सबसे बड़ी ओपनिंग है। सितंबर 2013 के बाद रुपया शुक्रवार (11 नवंबर) को सबसे बड़ी बढ़त के साथ खुला है और सात हफ्ते के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहा है।

शुरुआती सेशन में रुपया 80.6788 से 80.7525 रुपये की रेंज में कारोबार करता रहा और लगातार 81 रुपये प्रति डॉलर के नीचे बना रहा। बाजार के जानकारों के मुताबिक अमेरिकी डाॅलर ने 81.91 तक बढ़ने के बाद रुपये की बढ़त के लिए रास्ता साफ कर दिया है। डॉलर इंडेक्स के मुकाबले रुपये का निकटतम सपोर्ट लेवल 80.50 है जबकि मनोवैज्ञानिक स्तर 80 है। उम्मीद है कि शुक्रवार को पूरे दिन रुपया 80.25 से 81 के लेवल के बीच कारोबार करता रहेगा।

अमेरिका में अक्टूबर महीने के महंगाई के आंकड़े बाजार के अनुमान से कम रहे हैं, जिसके कारण ग्लोबल स्टॉक मार्केट में अच्छी मजबूती दिख रही है। डॉलर इंडेक्स पर भारी दबाव है और यह घटकर 108 के लेवल के नीचे आ गया है। इसी का नतीजा है कि आज रुपया डॉलर के मुकाबले 110 पैसे के उछाल के साथ खुला।

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